फरीदाबाद नगर निगम में घोटाला, बिना ईंट लगे ठेकेदारों को दिए 50 करोड़ :- आपको बताना चाहेंगे कि शहर में लगभग 40 वार्ड है , जानकारी के मुताबिक शहर में कुल 40 वॉर्ड है लेकिन सूचना के मुताबिक 10 वॉर्ड ऐसे हैं जहां पर विकास की एक ईंट तक नहीं लगी और ठेकेदार को करोड़ों रुपये की पेमेंट भी हो चुकी है ।
अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये बात इतने समय बाद कैसे सामने आई । फरीदाबाद नगर निगम को कंगाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही ।
गौरतलब, मीडिया रिपोर्ट एनबीटी के अनुसार इस बात का पता तब चला जब पार्षदों ने फाइनैंस ब्रांच से लिखित डिटेल मांगी।
पार्षदों को फाइनेंस ब्रांच से मिली डेटेल में ठेकेदार को केवल नालियों की रिपेयरिंग, इंटरलॉकिंग टाइल बिछाने और स्लैब लगाने जैसे तीन कामों के लिए करोड़ों रुपये की पेमेंट की गई है।
यही नहीं ये सभी पेमेंट जनरल फंड से की गई है लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि निगम के जनरल फंड में तो पैसे ही नहीं है।
पिछले चार सालों से सभी कार्य सीएम अनाउंसमेंट के पैसों से हो रहे हैं। पार्षद दीपक चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये अपने आप में एक बड़ा घोटाला है जिसमें कई अफसर और ठेकेदारों ने मिल कर 40 से 50 करोड़ रुपये की पेमेंट डकार ली है।
फाइनैंस ब्रांच से 2017 से 2019 तक विकास कार्यों का ब्योरा मांगा गया था साथ में ये भी पूछा गया था कि किस फंड से किस ठेकेदार को कितनी पेमेंट हुई।
बता दें, ये जानकारी फाइनैंस ब्रांच ने कुछ दिन पहले ही दी है। पाषर्द दीपक चौधरी के वॉर्ड में 27 ऐसे कार्य हुए हैं जिनमें 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेमेंट दिखाई गई है।
ये खर्चा नालियों की रिपेयरिंग, इंटरलॉकिंग टाइल लगाना और स्लैब लगाने पर दिखाया गया , लेकिन आज तक ये काम उनके वॉर्ड में हुआ ही नहीं।
जानकारी हासिल हुई है कि जितनी भी पेमेंट ठेकेदार को हुई है वह 4 लाख से ज्यादा की पेमेंट है। कुल मिलाकर 40 वॉर्ड में से 10 ऐसे हैं जहां पर कोई काम नहीं हुआ और ठेकेदार को पेमेंट कर दी गई है।
जब अकाउंट में राशि शून्य है तो भला पेमेंट कैसे हुई ?
पिछले 5 सालों से नगर निगम फरीदाबाद की आर्थिक हालत ज्यादा खराब है। जनरल फंड का इस्तेमाल छोटे मोटे खर्चे और कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए किया जाता है। विकास कार्यों के लिए तो जनरल फंड में पैसा ही नहीं बचता है। तो विकास कार्य कैसे होंगे।
साल 2017 से 2019 के बीच में 40 से 50 करोड़ रुपये की पेमेंट जनरल फंड से हुई है। सीएम अनाउंसमेंट के तहत मिले बजट से ही पिछले 4 सालों से विकास कार्य हर एक वॉर्ड में हो रहे हैं। ठेकेदारों की पेमेंट भी सीएम अनाउंसमेंट से होती है। लेकिन जनरल फंड से इतनी सारी पेमेंट होना समझ से परे है। ये तो जांच का विषय है।
जनरल फंड में तो पैसा ही नहीं है तो पेमेंट कैसे हो गई पिछले 5 सालों से नगर निगम की आर्थिक हालत ज्यादा खराब है। जनरल फंड का इस्तेमाल छोटे मोटे खर्चे और कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए किया जाता है। विकास कार्यों के लिए तो जनरल फंड में पैसा ही नहीं बचता है।
तो विकास कार्य कैसे होंगे। लेकिन साल 2017 से 2019 के बीच में 40 से 50 करोड़ रुपये की पेमेंट जनरल फंड से हुई है। सीएम अनाउंसमेंट के तहत मिले बजट से ही पिछले 4 सालों से विकास कार्य हर एक वॉर्ड में हो रहे हैं। ठेकेदारों की पेमेंट भी सीएम अनाउंसमेंट से होती है। लेकिन जनरल फंड से इतनी सारी पेमेंट होना समझ से परे है। ये तो जांच का विषय है।
भ्रष्टाचार के केवल यही मामले नहीं बल्कि कई अन्य मामले भी सामने आ चुके है जिनकी जांच अभी तक नहीं हो सकी है ।लेकिन सोचने वाली बात ये है कि क्या प्रशासन की नाक के नीचे ये कार्य हो रहे , भला अब तक कोई सख्त कार्यवाही क्यों नहीं की गई ?
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