भारत में प्रत्येक वर्ष 16 मई के दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा डेंगू के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए राष्ट्र डेंगू दिवस मनाया जाता है। डेंगू बुखार की शुरुआत अचानक तेज बुखार के साथ होती है, इसके बाद तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और दाने हो जाते हैं।
हालांकि डेंगू के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवाएं नहीं हैं, लेकिन चिकित्सक द्वारा प्रारंभिक नैदानिक निदान इस बीमारी से मृत्यु दर को नीचे रखता है। मुख्यत पेरासिटामोल के साथ एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) का उपयोग इस बीमारी से निजात पाने के लिए किया जाता है। इस बुखार से संक्रमित रोगी को बहुत सारे तरल पदार्थ पीने के लिए हिदायत दी जाती है एवं रोगी के लिए आराम करना अति महत्वपूर्ण होता है।
डेंगू का संक्रमण देश में प्रचलित है जिस कारण भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने डेंगू के मामलों की सूचना को आवश्यक बना दिया है। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को अपने जिले के जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्यालय को सूचित करना आवश्यक है कि उनके स्वास्थ्य संस्थान में प्रति सप्ताह या प्रतिदिन इस संक्रमण से ग्रसित कितने मरीज आ रहे है।
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