वैसे तो फरीदाबाद को औद्योगिक नगरी कहा जाता है पर बहुत से ऐसे लोग है जो ये नही जानते की फरीदाबाद औद्योगिक नगरी होने के अलावा बहुत से आकर्षणों का केंद्र भी है हालाकि बहुत से लोग ऐसा नही सोचते। जब भी कभी लोगो का घूमने का मन होता है या उन्हें अपनी छुट्टियों में अपने परिवार वालो के साथ कुछ समय बिताना होता है तो वह दिल्ली या फिर गुड़गांव का रुख करते है।
जबकि फरीदाबाद में भी ऐसी बहुत सी चीजे है जिनसे लोग अनजान है। फरीदाबाद एनसीआर के उन शहरों में से एक है जो अपने अंदर सबसे बेहद खूबसूरत जगहों को समेटे हुए है। आज हम आपको उन्ही चीज़ों से रूबरू कराने वाले है। हम आपको बताएंगे ऐसे 5 कारण जो ये साबित करते है की फरीदाबाद गुड़गांव से बेहतर है।
अंतराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला जिसे सूरजकुंड मेले के नाम से भी जाना जाता है पूरी दुनिया में मशहूर है। आप भी इस मेले से तो वाकिफ होंगे ही अगर नही तो हम आपको बता दे की दुनिया में सबसे बड़े हस्तशिल्प मेले के रूप में मशहूर ये मेला फरीदाबाद में हर साल फरवरी के महीने में लगता है।
ये मेला पारंपरिक हस्तशिल्प और विभिन्न देशों की संस्कृतियों का संगम है। इस मेले में आकर दुनिया भर के कारीगर अपनी हस्तशिल्प कला का प्रदर्शन करते है साथ ही आपको देश विदेश से आए कलाकारों व उनकी संस्कृतियों को देखने का मौका भी मिलता है।
ये मेला पूरे हरियाणा में सिर्फ फरीदाबाद में ही आयोजित किया जाता है इसके अलावा ये मेला आपको कही और देखने को नहीं मिलेगा।
भले ही गुड़गांव अपने कोजी कैफे और नाइट लाइफ के जाना जाता हो पर स्ट्रीट फूड के मामले में फरीदाबाद गुड़गांव से आगे है। फरीदाबाद ने स्ट्रीट फूड और कैफे के मामले में भी काफी तरक्की कर ली है।
चाहे ओपन एयर कैफे हो या कोजी रेस्त्रां इस मामले में फरीदाबाद भी किसी से कम नही है। अब बात की जाए स्ट्रीट फूड की तो फरीदाबाद का स्ट्रीट फूड आज के समय में दिल्ली एनसीआर और गुड़गांव के स्ट्रीट फूड को बराबर की टक्कर दे रहा है।
फरीदाबाद में भी ऐसे बहुत से फूड प्वाइंट और कैफे शामिल है जहा जाने के बाद आप दिल्ली गुडगांव तो जाना भूल जाएंगे।
फरीदाबाद को औद्योगिक नगरी के रूप में तो सभी जानते है पर क्या आप इसके प्राचीन इतिहास और यहा की ऐतिहासिक इमारतों के बारे में जानते है? ऐसे कम ही लोग होंगे जो फरीदाबाद के प्राचीन इतिहास और इसकी विरासत से वाकिफ होंगे।
फरीदाबाद का राजा नाहर सिंह किला हो या बाबा फरीद का मकबरा अपने इतिहास की दास्तान बखूबी बयान करते है। अगर आपको शहर की जाट संस्कृति और उसके इतिहास के बारे में जाना हो तो आप राजा नाहर सिंह किला का रुख कर सकते है।
अब बात करते है बाबा फरीद के मकबरे की। फरीदाबाद का नाम इस मकबरे के इतिहास से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है की फरीदाबाद शहर का नाम बाबा फरीद के नाम पर पड़ा जो की 12 सदी के सबसे पूजनीय संतो में से एक थे।
ये फरीदाबाद की ऐसी जगहें है जो फरीदाबाद की प्राचीन कहानियां बयान करती है जबकि गुड़गांव में ऐसा कुछ नहीं जो अपने इतिहास और संस्कृति के बारे में बताती हो।
बात की जाए रोड और मेट्रो की कनेक्टिविटी की तो फरीदाबाद इस मामले में गुड़गांव से बेहतर है। नोएडा, साउथ दिल्ली और गुड़गांव से सटे सीमाओं पर फरीदाबाद रोड कनेक्टिविटी के मामले में बेहतर शहर है।
गुड़गांव की मेट्रो कनेक्टिविटी ने अभी इतनी तरक्की नहीं की है जबकि फरीदाबाद पूर्वी दिल्ली,नोएडा यहां तक कि गाजियाबाद से भी बहुत आसानी से जुड़ा हुआ है।
प्रकृति के मामले में भी फरीदाबाद बहुत से लोगो के लिए आरक्षण का केंद्र है। फरीदाबाद में ऐसी बहुत सी झीलें और अभयारण्य है जिन्हे प्रकृति ने बहुत ही खूबसूरती से नवाजा है। मांगर गांव में स्थित धौज झील को देखने दूर दूर से लोग आते है और इसकी खूबसूरती में खो जाते है।
इसके अलावा भारद्वाज झील, citm झील और सूरजकुंड झील ये सभी प्राकृतिक आकर्षण फरीदाबाद की खूबसूरती में चार चांद लगाते है। अरावली की पहाड़ियों में बसा असोला भट्टी वाइल्ड लाइफ सेक्चुअरी में आप कुछ प्राचीन बचे हुए वन्यजीवो की झलक देख सकते है।
इसके अलावा बहुत जल्द ही लोगो को फरीदाबाद में वाइल्ड लाइफ सफारी का मजा उठाने को मिलेगा। ये कुछ ऐसी चीजे है जो सिर्फ आपको फरीदाबाद में ही देखने को मिलेंगी।
फरीदाबाद आज के समय में एक उभरते हुए शहर के रूप में देखा जाता है पर आज भी ऐसे बहुत से लोग है जो फरीदाबाद के मुकाबले में दिल्ली और गुड़गांव को बेहतर मानते है परंतु ऐसा नहीं है। फरीदाबाद भी किसी भी शहर से कम नही है। ये थे ऐसे 5 कारण जो ये बताते है की हमारा फरीदाबाद गुड़गांव से इन मामलो में बेहतर है। आपका इस बारे में क्या कहना है। हमे कॉमेंट में जरूर बताएं और आर्टिकल पसंद आया हो तो लाईक और शेयर करे।
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