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फरीदाबाद: डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के शिक्षकों ने ली रिसर्च डिजाइन की जानकारी

डीएवी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद में आइक्यूएसी सेल के सौजन्य से शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए शोध के क्षेत्र में ज्ञानवर्धन हेतु सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम “रिसर्च मैथोडोलॉजी” विषय पर आयोजित किया गया। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के दूसरे दिन बतौर मुख्य वक्ता जेसी बोस यूनिवर्सिटी साइंस एंड टेक्नोलॉजी वाईएमसीए फरीदाबाद के सोशल वर्क विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर के एम ताबिश जी आमंत्रित रहे। एफडीपी के प्रथम दिन भी मुख्य वक्ता डॉ के एम ताबिश ने अपने प्रभावशाली व्याख्यान से सभी शिक्षकों को लाभान्वित किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ डीएवी संस्था के 136 वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर डीएवी गान से किया गया। इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर सविता भगत ने अति शीघ्र कॉलेज के द्वारा एक एडिटेड बुक प्रकाशित करने की उद्घोषणा की।

“गोइंग ग्रीन: टूवर्ड्स ए सस्टेनेबल टुमारो” विषय पर आधारित इस पुस्तक के लिए उन्होंने शिक्षकों से शोध पत्र लिखने का आग्रह किया। उन्होंने शिक्षकों से इस एफडीपी के माध्यम से प्राप्त ज्ञान को शोध पत्र के रूप में परिणित कर कॉलेज की एडिटेड बुक में योगदान देने की अपेक्षा की। इस अवसर पर मुख्य वक्ता ने शिक्षकों को क्वालिटेटिव रिसर्च पेपर लिखने के विभिन्न माध्यमों से परिचय कराते हुए विभिन्न प्रकार की रिसर्च डिजाइन के बारे में जानकारी दी।

डॉक्टर के एम ताबिश ने डिस्क्रिप्टिव रिसर्च, कंपैरेटिव डिजाइन रिसर्च, कोरिलेशन रिसर्च, सर्वे रिसर्च, एक्स पोस्ट फैक्टो डिजाइन रिसर्च, क्वालिटेटिव रिसर्च डिजाइन, एथनोग्राफी, केस स्टडी रिसर्च जैसे शोध की विभिन्न विधाओं से शिक्षकों का परिचय कराया। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों से शिक्षकों को एडिटेड बुक में चैप्टर राइटिंग के स्टैप्स सिखाए। शिक्षकों ने मुख्य वक्ता के साथ परस्पर संवाद करते हुए अपनी शंकाओं का विस्तार से समाधान प्राप्त किया।

इस कार्यक्रम में कॉलेज के विभिन्न विभागों से ४०से भी अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। शिक्षकों में शोध के विषय में जानकारी प्राप्त करने और एक अच्छा शोध पत्र लिखने के लिए अत्यंत उत्साह और जिज्ञासा देखी गई। व्याख्यान के अंत में डॉक्टर ताबिश ने शिक्षकों के प्रश्नों का सरलता से उत्तर दिया। इस कार्यक्रम का मंच संचालन कॉलेज के आइक्यूएसी सेल की सदस्याऔर वाणिज्य विभाग एस एफ एस से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु रॉय ने किया।

कार्यक्रम के अंत में वाणिज्य विभाग एस एफ एस से ही असिस्टेंट प्रोफेसर मिस रजनी टुटेजा ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। कार्यक्रम में तकनीकी पक्ष में असिस्टेंट प्रोफेसर ई एच अंसारी जी का विशेष योगदान रहा। एफडीपी के दूसरे दिन का व्याख्यान अत्यंत सफल और सार्थक रहा।

Rajni Thakur

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