फरीदाबाद के नगर निगम के 200 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में निगम के कनिष्ठ अभियंता (जेई) दीपक कुमार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने दीपक को अग्रिम जमानत देते हुए जांच में शामिल होने के लिए कहा है।
दीपक कुमार ने नौ जून को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। तब अदालत ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट में आरोपी के वकील ने अदालत से कहा कि दीपक कुमार को इस मुकदमे में गलत फंसाया गया है।
जब यह मामला हुआ, तब आरोपी जेई के सहायक के तौर पर कार्यरत था। वकील ने कहा कि दीपक को न तो रुपये भुगतान करने की शक्ति थी न ही कार्यों के सत्यापन की। उन्होंने मेजरमेंट बुक के गायब होने की बात भी अदालत को बताई।
साथ ही मुख्य आरोपी मुख्य अभियंता रमन को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने की बात भी रखी। बता दें कि नगर निगम में बिना कार्य कराए करीब 200 करोड़ का घोटाला करने का मामला सामने आया था।
विजिलेंस जांच के बाद दो पूर्व मुख्य अभियंताओं समेत अन्य पर केस दर्ज किया था। इसमें मुख्य अभियंता डीआर भास्कर व ठेकेदार सतबीर गिरफ्तार कर लिया गया था।
यह घोटाला मई 2020 में उजागर हुआ था। फरीदाबाद नगर निगम के चार पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है। निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई।
ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की सिफारिश की। साल 2020 से विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही थी। अब विजिलेंस ने इसमें दो मुकदमे दर्ज किए हैं
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