पिछले कुछ महीनों से पुलिस और रेत चोरी करने वालों के लिए खनन का खेल चूहे-बिल्ली की लड़ाई जैसा हो गया है। खनन माफिया के गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद रेत चुराने वालों की मुसीबत बढ़ गई थी।
अब तावडू में डीसीपी की हत्या के बाद से पुलिस किसी भी कीमत पर खनन माफियाओं को हावी नहीं होने देना चाहती है। इधर, माफियाओं के वाहनों पर चालान और मामलों की संख्या बढ़ जाने से उन्होंने तस्करी के लिए भैंसा बुग्गी का सहारा लिया है।
यमुना के आसपास के गांवों के लोग भैंसा बुग्गी से रेत चोरी कर रहे हैं। पुलिस ने इसका तोड़ निकालने के लिए कई बुग्गी संचालकों को रोका, लेकिन बुग्गी पर कोई नंबर प्लेट नहीं होने से केवल रेत को ही रास्ते में खाली कराने के अलावा कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
पुलिस भैंसा बुग्गी को थाने में ले आई और भैंसा को थाना परिसर में बांध दिया। पुलिस को लगा मालिक इसे छुड़ाने आएगा और पकड़ा जाएगा। पुलिस के डर से संचालक थाने में नहीं पहुंचा। शाम होते ही चारे के लिए भैंसा ने शोर मचाना शुरू कर दिया। परिसर में गोबर भी कर डाला। किसी तरह पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से भैंस के मालिक का पता लगाया और चेतावनी के साथ भैंसा बुग्गी वापस करनी पड़ी।
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