स्मार्ट सिटी में कई जगहों पर घरों के आसपास और गली-चौराहों में झूलते बिजली के तार इन दिनों हादसे को न्यौता दे रहे हैं। मकड़ी के जाल की तरह शहर की कॉलोनियों और सेक्टरों में झूल रहे बिजली के तार और खुले में रखे ट्रांसफार्मर लोगों के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
आंख मूंदे बैठें बिजली निगम के अधिकारियों की लापरवाही आम जनता पर कभी भी भारी पड़ सकती है। शहर में इन दिनों बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
वहीं, अधिकारियों की लापरवाही के कारण हादसों का खतरा भी बना हुआ है। शहर में लोगों तक बिजली आपूर्ति के लिए एनआईटी डिवीजन में 1600, ओल्ड फरीदाबाद में 3200, ग्रेटर फरीदाबाद में 5800 और बल्लभगढ़ में 7125 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं।
शहर में बेहतर बिजली व्यवस्था के लिए लगे 17,725 ट्रांसफार्मरों में से 7 हजार ट्रांसफार्मर खुले और बिना गार्डिंग के रखे हैं। इसके अलावा गांधी कॉलोनी, सेक्टर-22, ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़ में घरों के बाहर झूलते बिजली के तार से लोगों के बीच भय का माहौल है।
ये हैं मानक : बिजली निगम के मुताबिक, रोड क्रॉसिंग पर तार हैं तो गार्डिंग (तारों के नीचे जाल) होना चाहिए। इसके अलावा ट्रांसफार्मर पर टीपीओ स्विच लगे होने चाहिए।
ट्रांसफार्मर में अथिंग होनी चाहिए। ट्रांसफार्मर चबूतरे पर हो और चारों ओर जाली लगी हो। एचटी और एलटी एक सपोर्ट पर हैं तो गार्डिंग अनिवार्य, न्यूट्रल अर्थिंग हो, इससे करंट का खतरा कम होता है। इन नियमों का शहर में पालन नहीं रहा है।
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