एनआईटी-5 स्थित ईएसआई डिस्पेंसरी का बुरा हाल है। डिस्पेंसरी में मरीजों को पूरी दवाइयां नहीं मिलती हैं। मुख्य द्वार पर पानी भर जाता है। अंदर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मरीजों का कहना है कि दवाइयों सहित अन्य समस्याओं को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई।
ईएसआई डिस्पेंसरी में ईएसआई की मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कार्यालय है। यहां से सेक्टर-8 ईएसआई अस्पताल सहित करीब 13 डिस्पेंसरियों का संचालन होता है।
रोजाना करीब तीन सौ मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसके बावजूद डिस्पेंसरी की हालत बुरी है। रोजाना की तरह सुबह आठ बजे ही मरीज जल्दी इलाज के लिए डिस्पेंसरी पहुंच जाते हैं।
इस दौरान करीब 9 बजे तक मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते रहे, लेकिन दो, कर्मचारियों को छोड़कर कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा। इसके बाद 19.30 बजे तक डॉक्टरों ने आना शुरू किया।
ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लग गई। धक्का- मुक्की के बीच किसी तरह मरीज डॉक्टरों से जांच कराने के बाद जब दवाई लेने काउंटर पर पहुंचे तो वहां पांच की जगह दो दवाई पकड़ा दी गई।
उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि यही दवाई है। इनसे में जो दवाई नहीं है, वहां बाहर से ले लेना। डिस्पेंसरी की हालत यह है कि यहां मरीजों को बीपी शुगर तक की दवाइयों के लिए परेशान होना पड़ता है।
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