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हरियाणा के रोल मॉडल बने ये दादा पोती की जोड़ी टीचर दादाजी के सहयोग से 23 साल में ही बनी आईएएस

हमने हमेशा से सुना की एक आदमी के सफलता के पीछे हमेशा एक औरत का हाथ होता है लेकिन इस कहानी में कुछ उल्टा है। इस कहानी में एक महिला की सफलता के पीछे एक आदमी का हाथ है दरअसल वो आदमी उस महिला के दादाजी है। जी हां एक 23 साल की लड़की ने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी क्लियर किया जिसका श्रेय वो अपने टीचर दादाजी को देती है। इस आर्टिकल में जानिए पूरी कहानी…

महज 23 साल की उम्र में पहली परीक्षा में बनी आईएएस

आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उन्होंने महज 23 साल की उम्र में ही देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी को पास किया है। इस आईएएस अधिकारी का नाम निशा ग्रेवाल है। निशा ग्रेवाल हरियाणा के भिवानी के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं।

उनके पिता का नाम सुरेंद्र ग्रेवाल है। वहीं मां का नाम प्रोमिला है। पिता बिजली विभाग में एक इलेक्ट्रिशियन के तौर पर कार्यरत हैं वहीं मां घर पर रहकर परिवार को संभालती हैं। निशा ग्रेवाल मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली ।

ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गई निशा

निशा की शुरुआती पढ़ाई भिवानी से ही हुई। उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई भिवानी पब्लिक स्कूल से पूरी की। उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई में अच्छे अंक हासिल किए।

इसके बाद वो ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गईं। यहां उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिक शास्त्र में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया।

टीचर दादाजी के सलाह और सपोर्ट से बनी आईएएस

घरवालों में उनके दादाजी ने निशा को काफी सपोर्ट किया। यूपीएससी निकालने के बाद निशा ने अपने दादा जी को ही क्रडिट दिया था। उनके दादा जी एक टीचर थे। निशा को जब पढ़ाने की बारी आई तो उन्होंने हर कदम पर निशा का साथ दिया।

24 घंटे उनके लिए वो शिक्षक की भूमिका में बने रहें। निशा की तैयारी बचपन से ही उनके नेतृत्व में चलने लगी थी। उनके दादाजी गणित के टीचर थे, गणित के अलावा उन्होंने बाकी विषयों पर भी उन्हें जानकारी मुहैया कराई।

इस स्ट्रेटजी से किया यूपीएससी पास

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, निशा ग्रेवाल ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की किताबों से अपना बेस मजबूत किया और इसके बाद स्टैंडर्ड बुक्स से तैयारी की।

इसके अलावा उन्होंने तैयारी के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध मेटेरियल का भी इस्तेमाल किया। निशा बताती हैं कि वह एग्जाम की तैयारी के लिए हर दिन करीब 8-9 घंटे तक पढ़ाई करती थीं।

उचित रणनीति से पहले प्रयास में ही 51वें रैंक से हुई पास

निशा का मानना है कि अगर आप यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको बेहतर रणनीति के साथ लगातार आगे बढ़ना होगा। वह कहती हैं कि जब तक आप हर दिन इसके लिए प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आप अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे।

उनके अनुसार सफलता के लिए कड़ी मेहनत, सही रणनीति, अधिकतम रिवीजन, उत्तर लेखन का अभ्यास बहुत जरूरी है। निशा ग्रेवाल ने इन्हीं रणनीतियों के तहत अपनी पढाई की और यूपीएससी 2020 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 51वीं रैंक हासिल कर लीं।

PEHCHAN FARIDABAD

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