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अपनी जान को दांव पर लगाकर एक बार फिर प्लाज़्मा डोनर्स का फरीदाबाद डीसी ने जताया आभार

भले ही कोरोना वायरस का संक्रमण कितना ख़तरनाक क्यों ना हो, यह अपने संपर्क में लेकर लाखों लोगों को संक्रमित कर चुका है। भले ही अभी तक इसकी गिरफ्त से दूर रहने के लिए किसी वैक्सीन की खोज पूरी नहीं हुई।

लेकिन आज भी भारत के लोगों के अंदर पनपने वाले विश्वास और जज़्बात से कई जिदंगियां कोरोना वायरस की पुष्टि के बाद भी बचाई जा रही है। जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बावजूद उसे मात देकर ठीक होने वाले लोगों की प्लाज़्मा लोगों की जान बचाने में कामयाब हो रही है।

फरीदाबाद में अब कोरोना को मात देकर ठीक हुए लोग अब प्लाज्मा देने के लिए आगे आने लगे हैं। एक-दूसरे को देखा-देखी उनमें भी प्लाज्मा देने के लिए सकारात्मक सोच आने लगी है। कोरोना को मात देने के बाद अब 13 लोग अन्य संक्रमितों के इलाज के लिए प्लाज्मा दे चुके हैं, जो 10 मरीजों को चढ़ाया जा चुका है। पांच मरीज प्लाज्मा थेरेपी से बिल्कुल स्वस्थ भी हो चुके हैं और अब वह सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

आपको बता दें, कि आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति दी है। शुरुआत में स्वस्थ होने वाले प्लाज्मा देने के लिए अस्पताल आने में घबराते थे। उन्हें दोबारा से कोरोना संक्रमण का खतरा सताता है।

लेकिन अब स्वस्थ होने वाले लोगों में कोरोना के संक्रमण का डर कम होता जा रहा है। वे स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए आगे आने लगे हैं। वहीं ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद उन्हें भी जरूरत पड़ने पर प्लाज्मा देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

वहीं सेक्टर -28 निवासी प्लाज़्मा डोनर संजीव शर्मा ने बताया कि मुझे गर्व है कि मेरे द्वारा दिया गया प्लाज्मा कोरोना संक्रमित के ठीक होने में काम आया। प्लाज्मा देने के बाद कोई कमजोरी नहीं हुई थी। पहले की तरह सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा हूं। सबसे अच्छी बात यह है कि ठीक होने वाला व्यक्ति महीने में एक बार प्लाज्मा दे सकता है। इस सामाजिक कार्य में कोरोना को मात देने वाले लोगों को सहयोग करना चाहिए।

इसी कड़ी में फरीदाबाद के जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने प्लाज़्मा डोनर्स का आभार व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि अपनी जान को दांव पर लगाने के बाद उसे मात देकर आना फिर उसी बीमारी से किसी अन्य की जान बचाने में अपना योगदान काबिल ए तारीफ है।

उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है अपने देशवासियों पर। उन्होंने कहा कि इसी तरह जरूरत है अन्य लोगों को आगे कदम बढ़ाने कि जो व्यक्ति कोरोना को मात दे चुके है और उनके प्लाज़्मा से अन्य जिंदगियों को ओर बचाया जा सकता है।

Avinash Kumar Singh

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