इस साल भाई दूज का त्योहार 26 अक्टूबर को है। यानी दिवाली के एक दिन बाद। यह पर्व बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं। भाई दूज भाई-बहन का त्योहार है। मान्यता है कि भाई दूज के दिन भाई को लंबी उम्र के साथ सुख संपन्नता का आशीर्वाद भी मिलता है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन मनाए जाने वाले इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
भाई बहन का रिश्ता सबसे ज्यादा पवित्र और अटूट होता है इसी के लिए साल में दो बार भाई बहन का त्यौहार आता है जिसमें से एक रक्षाबंधन है और दूसरा भाई दूज है। वही आपको बता दे, भाईदूज विधिपूर्वक मनाने से भाई की आयु लंबी होती है। साथ ही वह बीमार नहीं होता है। भाई दूज से जुड़ी कई परंपराएं और रस्में हैं। आज हम इन्हीं के बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।
भाईदूज के दिन हर बहन को अपने भाई के माथे पर टीका लगाना चाहिए। इसे सौभाग्य का टीका भी कहते हैं। बहन के हाथ से टीका लगवाने के बाद भाई की किस्मत चमक उठती है।
भाईदूज पर बहन को उपहार स्वरूप कुछ अवश्य देना चाहिए। इससे आपके घर की बरकत हमेशा बनी रहती है।
भाईदूज का पर्व देशभर में अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसे भाई बीज कहते हैं। मणिपुर में निंगोल चकबा के रूप में जाना जाता है। वहीं पड़ोसी देश नेपाल में इसे भाई टीका कहा जाता है।
भाईदूज पर भाई को बहन के हाथ से बना भोजन या मिठाई खाना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन बहन के हाथ से भोजन ग्रहण करने से भाई की सभी विपदाएं दूर होती हैं। यह भोजन भाई की आयु भी बढ़ाता है। भाई को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बहन सगी हो, चचेरी, ममेरी या मुंहबोली, सभी के घर भाई को जाना चाहिए।
यदि आपकी कोई बहन न हो तो आप गाय, नदी जैसी चीजों का ध्यान कर या उनके समीप बैठकर भोजन ग्रहण कर सकते हैं। ऐसा करने पर भी आपको शुभ फल की प्राप्ति हो जाएगी।
भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन यमराज जी और उनकी बहन यमुना जी के पूजन का खास महत्व होता है। यमराज की पूजा के लिए ‘धर्मराज नमस्तुभ्यं समस्ते यमुनाग्रज. पाहि मां किंकरैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तु ते.’ मंत्र जबकि यमुना की पूजा हेतु ‘यमस्वसर्नमस्तेऽस्तु यमुने लोकपूजिते. वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते.’ मंत्र बोलना चाहिए।
भाईदूज के दिन भाई-बहन को यमुना नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से भाई की हर तरह की समस्या समाप्त हो जाती है। भाई का कोई बाल भी बाका नहीं कर सकता। वह सुरक्षित रहता है।
भाई दूज के दिन कई बहने बेरी पूजन (बेरी के पेड़ की पूजा) भी करती है। मान्यता है कि इससे भाईयों की उम्र लंबी रहती है। इस पूजा से भाई सेहतमंद भी रहता है।
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