आए दिन फरीदाबाद में सड़क दुर्घटनाओं की खबर आती रहती है, इन घटनाओं में किसी की मौत हो जाती है तो कोई ज्यादा गंभीर हालत में हो जाता है। इन सड़क दुर्घटनाओं की असल में वजह क्या है, यह पता लगाने के लिए हमने यहां भी रोड़ों का एक सर्वे किया।
इस सर्वे में हमारे सामने आया कि यहां की रोड़ों पर पांच किलर है, जिन्हें हम देख के भी अनदेखा कर देते हैं। और फ़िर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इन पांच रोड किलरो में
सड़कों पर वाटल नेक, ब्लैक स्पाट, अवैध कट, गलत डिजाइन और रात के समय रोड़ों पर अंधेरा शामिल हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फरीदाबाद की करीब
18 जगहों की रोड़ों पर बाटल नेक( जहां चौड़ी सड़क एक बिंदु पर सकरी हो जाती है)है। इस बाटल नेक मे बल्लभगढ़ से दिल्ली वाली लेन पर वाइएमसीए अंडरपास से करीब 200 मीटर का रोड़ शामिल हैं। क्योंकि यहां सड़क किनारे पर बड़ा मोबाइल टावर लगा हुआ है।
इस मोबाइल टावर ने हाईवे की काफी जगह घेर रखी है। इसके साथ ही बदरपुर बार्डर से फरीदाबाद में एंट्री लेते ही हाईवे पर बाईं तरफ बड़ी संख्या में बस व आटो खड़े रहते हैं। इसके अलावा दूसरा बाटल नेक बल्लभगढ़ से दिल्ली लेन पर सेक्टर 28 में विजय सेल्स के पास बनता है। जो सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण है।
बाटल नेक के अलावा अवैध कट भी सड़क दुर्घटना का एक कारण है। हालांकि अब हाईवे पर अवैध कट बहुत ही कम है। क्योंकि अब फरीदाबाद में सभी जगह पर ऊंची ग्रिल लगा दी गई है, लेकिन लोग ऊंची ग्रिल लगने के बाद भी इस ग्रिल को फांद कर अवैध कट के रूप में प्रयोग करते हैं।
फरीदाबाद में ये अवैध कट आपकों सेक्टर-59, मेवला महाराजपुर अंडरपास के साथ ही 22 और जगह पर दिख जाएंगे।
अवैध कट के साथ ही डिजाइन में खामी भी सड़क दुर्घटना का एक कारण बनती है। क्योंकि फरीदाबाद में शायद ही कोई ऐसी सड़क होगी जिसके डिजाइन में कोई खामी न हो। वरना आपको यहां की हर एक सड़क में कोई ना कोई कमी जरूर नजर आएगी। सर्वे के दौरान हमें पता चला है कि सबसे ज्यादा खामी सूरजकुंड रोड पर एमवीएन नाके के पास हैं।
क्योंकि यहां की सड़क के बीचों- बीच में बिल्कुल गलत तरीके से ब्रेकर बनाया गया है। इस गलत ब्रेकर के अलावा एमवीएन नाके से अनखीर की तरफ आने वाली सड़क पर भी गलत तरीके से कट दिया हुआ है। इसे साथ ही सेक्टर-45 चौक,एनएचपीसी चौक,मेवला महाराजपुर कट पर भी डिजाइन में खामी देखने को मिली है।
रात के समय सड़कों पर अंधेरा भी सड़क दुर्घटना को खुले में न्योता देता है। हालाकि हाईवे पर अब काफी हद तक लाइटें लग चुकी है, लेकिन अब भी बहुत सी जगहों पर रात के समय में अंधेरा बना रहता है। इतना ही नहीं यहां पर अंदरूनी सड़कों की हालत भी खराब है।
सर्वे में हमें पता चला कि केजीपी एक्सप्रेस-वे पर केवल टोल नाकों के आस-पास ही लाइट है, बाकी जगह पर अंधेरा ही है। सड़कों पर अंधेरा होने की वजह से वाहनों को पता नहीं चलता कि उनके आगे क्या है, जिस वजह से दुर्घटना हो जाती है।
इस सर्वे के दौरान हमने ट्रैफिक पुलिस से पूछताछ की तो उन्होंने हमें बताया कि,हाईवे सिक्सलेन के बनने के बाद से फरीदाबाद में ब्लैक स्पाट खत्म हो गए हैं। अब केवल सेक्टर-58 जेसीबी चौक के पास सबसे बड़ा एक्सीडेंट प्रोन एरिया है। क्योंकि यहां पर फुटओवर ब्रिज करीब 500 मीटर दूर बना हुआ है।लोग फुटओवर ब्रिज यूज करने के बजाए ग्रिल फांदकर पैदल हाईवे पार करते है, जोकि दुर्घटना को खुला न्योता देता है।
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