हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) की वित्तीय स्थिति दयनीय है। कई बार विकास योजनाओं के बजट में कमी रह जाती है। विभागीय व्यय में कटौती की गई है, फिर भी अधिकारी अपनी संपत्ति को लेकर गंभीर नहीं हैं। सेक्टरों में करोड़ों की बेशकीमती जमीन पर HSVP का कब्जा है। जहां साजिश से मोटी रकम आ सकती है, लेकिन इसके लिए प्रयास नहीं हो रहे हैं।
गंभीर बात यह है कि इस जमीन पर कब्जा करने वाले किराए का खेल खेल रहे हैं। एचएसवीपी की जमीन और हायर माफिया ले जा रहे हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों को है लेकिन सभी ने चुप्पी साध रखी है। इसके पीछे मिलीभगत की बू आ रही है। कई सेक्टर ऐसे हैं जहां जमीन की कीमत 1 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर है।
एनआईटी में रहने वाले विष्णु गोयल का कहना है कि मार्बल मार्केट में अतिक्रमण व अतिक्रमण का बुरा हाल है। कई बार शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। यहां अवैध निर्माण भी हो रहे हैं। मुख्य प्रशासक को सूचना दी। विजिलेंस ने जांच की लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। अवैध निर्माण को तोडऩे के साथ ही संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए।
अजरौंदा में रहने वाले अजय का कहना है कि अवैध कब्जे व निर्माण से संबंधित 50 से अधिक आरटीआई दाखिल कर प्राधिकरण में जवाब मांगा है, लेकिन अपील नहीं की, फिर भी अधिकारी प्रभावित नहीं हुए। बल्कि अधिकारी अतिक्रमणकारियों और अवैध निर्माण करने वालों के पास जाकर उनका नाम लेते हैं, जिसके बाद उन्हें चुप रहने की धमकी मिलती है।
ग्रेटर फरीदाबाद में ही काफी जमीन है, जिसका किसानों ने मुआवजा तो ले लिया है, लेकिन अभी तक कब्जा नहीं छोड़ा है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने समय-समय पर कब्जा भी लिया है लेकिन काफी जमीन अब भी किसानों के कब्जे में है। इससे संबंधित प्लाट धारकों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
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