स्मार्ट सिटी फरीदाबाद भूजल के मामले में डार्क जोन में आती है और भूजल के खत्म होने के कयास लगाए जा रहे हैं। गिरते भूजल के लिए न केवल सरकार व संबंधित विभागों के अधिकारी जिम्मेदार हैं, बल्कि ग्रेटर फरीदाबाद क्षेत्र में बहुमंजिला रिहायशी सोसायटियां बनवा रहे बिल्डर भी उनसे कहीं ज्यादा दोषी हैं। डेढ़ दशक पहले बिल्डरों ने यहां कंक्रीट के जंगल बनाने शुरू किए, लेकिन पानी के उचित प्रबंधन और भंडारण के बारे में कभी नहीं सोचा, स्वार्थ और लालच के चक्कर भूजल का दोहन कर दिया।
पानी की आपूर्ति के पूरक के लिए सोसाइटी में बोरवेल स्थापित किए। एक जगह बोरवेल सूखने लगा तो दूसरी जगह नया बोरवेल बन गया। इस प्रकार भूजल का अंधाधुंध दोहन होता चला गया, जो वर्तमान तक जारी है। जीवनयापन के लिए पानी को किसी भी कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन यह क्यों भूल जाते हैं कि जल का उचित उपयोग और संरक्षण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यदि इसके साथ-साथ वर्षा जल संचयन प्रणाली एवं एसटीपी बनाने, उपचारित जल का एसटीपी बनाकर समुचित उपयोग करने की दिशा में भी कार्य किया जाता तो भू-जल स्तर गिरने के बजाय ऊंचा बना रहता।
इस विषय पर सोसाइटी में रहने वाले जागरूक लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, क्योंकि उनके सामने अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए जल के समुचित प्रबंधन की चुनौती भी है। हालांकि शासन स्तर पर रेनवेल से पेयजल आपूर्ति की योजना शुरू हो चुकी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से लाइन डालने का काम रुकता रहा। अब रेलीवेल डालने का काम पूरा हो चुका है, जबकि भूजल स्तर 60 से 80 फीट नीचे चला गया है।
एसआरएस रेजीडेंसी सेक्टर-88, प्रिंसेस पार्क एंड ओजोन पार्क, समर पाम सेक्टर-86, पार्क एंडुरा एंड फ्लोरिडा सेक्टर-82, बीपीटीपी पार्क फ्लोर-2 और एडेल डिवाइन कोर्ट सोसाइटी सेक्टर-76, डिस्कवरी पार्क सेक्टर-80, सेक्टर- 75- 79 प्लॉटेड सोसायटी, ओमेक्स न्यू हाइट्स और ओमेक्स स्पा विलेज सेक्टर-78 समेत कई सोसायटियों में भूजल का दोहन किया जा रहा है।
ग्रेटर फरीदाबाद में 10 साल पहले 130 से 140 फीट पानी उपलब्ध था, लेकिन विभिन्न सोसायटियों में लोगों के बसने के बाद भूजल 70 से 80 फीट नीचे चला गया है। अब 180 से 200 फीट के बाद पानी मिल पाता है। सूरजकुंड क्षेत्र में भूजल स्तर 500 से 700 फीट नीचे है।
नहरपार के 7500 एकड़ में फैले ग्रेटर फरीदाबाद में विभिन्न बिल्डरों द्वारा स्थापित 56 सोसायटियां हैं। इनमें से 40 सोसायटियों में कनेक्शन रिन्यूअल हो चुके हैं, लेकिन इससे मांग पूरी नहीं हो रही है। 2.5 लाख की आबादी वाले क्षेत्र में प्रतिदिन 10 से 12 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन एफएमडीए वर्तमान में केवल पांच एमएलडी पानी ही उपलब्ध करा रहा है। बाकी पानी की जरूरत बोरवेल से पूरी की जाती है। इसके अलावा 16 सोसायटियां ऐसी हैं, जिनमें नवीनीकरण कनेक्शन नहीं किए गए हैं। आरडब्ल्यूए और बिल्डर के बीच विवाद है। इन दोनों के अहंकार की लड़ाई में भूजल स्तर को नुकसान पहुंच रहा है।
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