हरियाणा सरकार ने सरस्वती नदी के कायाकल्प की दिशा में काम कर काम करने की शुरुआत कर दी है। सरस्वती नदी जो गुजरात के कच्छ क्षेत्र में बहती हुई अंत में अरब सागर में मिल जाती है, उसकी सफाई के लिए प्रदेश सरकार ने एक अच्छा खासा प्लान तैयार किया है।
1. इस उद्देश्य के लिए यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिलों के सीचेवाल मॉडल पर करीब 25 लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लगाए जाएंगे।
2. इसके लिए आसपास के गांवों से नदी में प्रवेश करने वाले प्रदूषित पानी को साफ करने का काम किया जा रहा है।
3. राज्य सरकार ने सरस्वती नदी की बहाली के लिए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित सोम नदी पर एक बांध बनाने का निर्णय लिया है।
4. सिंचाई विभाग ने आगे की कार्रवाई के लिए बांध का डिजाइन केंद्रीय जल आयोग को भेज दिया है।
5. इसके साथ साथ आदि बद्री के स्थान पर, एक बांध भी सोम नदी के नीचे की ओर बनाने का प्रस्ताव सामने रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि इस नए बांध के जरिए रामपुर हीरय, रामपुर जाम्बिया, और चिल्लौर गांव में अंडरग्राउंड पाइप लाइन के जरिए पानी भेजा जाएगा।
इस जानकारी की पुष्टि बुधवार को पर्यटन मंत्री ने चंडीगढ़ में हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद की।इस अवसर पर, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव- धीरा खंडेलवाल, , हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
Written by- Vikas Singh
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