कहते है जमाना खराब है किसी अनजान पर भरोसा नहीं किया जा सकता लेकिन जब ये पाठ पढ़ाने वाला पिता ही हैवान हो तो, जमाना भी अच्छा लगने लगता है। बीते गुरुवार को ग्राम सीकरी के पास सॉफ्टा कॉलोनी में एक पिता ने अपने मासूम बच्चों की साथ दरिंदगी दिखाई। पिता ने अपने मासूम बेटे व बेटी की कुएं में डूबो कर हत्या कर दी। बेटा छह साल का और बेटी पांच साल की थी। शुरुआती जांच में क्लू मिला कि आरोपी की दूसरी पत्नी को ये बच्चे पसंद नही थे।
बता दे, दो साल पहले आरोपी की पहली पत्नी ने ज्वलनशील पदार्थ से खुद को झोंक कर आत्महत्या कर ली थी। पहली पत्नी से उसके बेटा निक्की और बेटी बिंदो थे जिनकी आरोपी ने हत्याकार दी, क्योंकि बच्चों की वजह से दूसरी पत्नी घर में झगड़ा करती थी। पुलिस ने आरोपी को कब्जे में ले लिया है। आरोपी का नाम भगत सिंह है। वह मूल रूप से पलवल के मर्रोली गांव का रहने वाला है। पिछले तीन साल से वह यहां सोफ्ता कॉलोनी में रहकर काम कर रहा था।
डेढ़ साल पहले आरोपी ने पहली पत्नी के रिश्तेदार में आशा नाम की लड़की से शादी कर ली थी। आरोपी की साढू् सोनू ने बताया कि आशा को भगत सिंह की पहली पत्नी के बच्चे पसंद नहीं थे। घर में इन्हें लेकर अक्सर झगड़े होते रहते थे। गुरुवार को भी बच्चों को लेकर झगड़ा हुआ था। गुस्से में भगत सिंह दोनों बच्चों को साथ लेकर घर से निकल पड़ा। घर से करीब 300 मीटर दूर नौ फीट गहरा कुआं है। इसमें पांच फीट तक पानी भरा है। उसने बारी-बारी से दोनों बच्चों को कुएं में डाल दिया। इसके बाद वह खुद भी ऊपर से कूद गया। आशा उसके ठीक पीछे थी। उसने शोर मचाया तो आसपास के लोग जमा हो गए। ऑटो चालक नसीम वहां पहुंचा और बच्चों को बचाने के प्रयास में कुएं में कूद गया। लेकिन तब तक दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी।
ऑटो चालक नसीम ने बताया कि भगत सिंह ने हैवानियत की हद पार कर दी। उसने एक बच्चे को कुएं में डुबोकर उसकी गर्दन पर अपना पैर रखा हुआ था। वहीं दूसरे बच्चे को हाथ से डुबाया हुआ था। नसीम ने धक्का देकर उसे बच्चे के ऊपर से हटाया था। बच्चों को बाहर निकालने में धीरेंद्र नाम के व्यक्ति ने भी मदद की, लेकिन दोनों की मौत हो चुकी थी।
डीसीपी नरेंद्र कादियान का कहना है कि नसीम और धीरेंद्र की शिकायत पर भगत सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। उसकी पत्नी की भूमिका की भी जांच की जा रही है। अगर बच्चों की हत्या में उसकी भूमिका सामने आई तो उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। बच्चों के मामा नितेश ने बताया कि बहन की मौत के बाद वे दोनों बच्चों को अपने साथ ले गए थे। करीब एक साल उन्होंने बच्चों को अपने पास रखा था। इसके बाद भगत सिंह ने दूसरी शादी कर ली और बच्चों को जबरदस्ती अपने साथ ले आया था। वह मामा-नाना को बच्चों से बात नहीं करने देता था।
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