दिल्ली के राम भजन ने परिवार के लिए कभी की थी मजदूरी, पास किया IAS एग्जाम, रह चुके हैं कॉन्स्टेबल!

राजस्थान के दौसा से साधारण परिवार में आने वाले 34 साल के राम भजन एक मजदूर के बेटे हैं। दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल राम भजन ने कई चुनौती का सामना करने के बावजूद धैर्य से काम किया और आठवें प्रयास में उन्होंने आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल की।

कहते हैं ना मेहनत का फल देर से ही सही मगर मिलता जरूर है। यही सीख हमें आज दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार से मिली है। दिल्ली पुलिस के साइबर सेल थाने में कार्य करता है। कॉन्स्टेबल राम भजन कुमार ने 2022 की ऊपर की परीक्षा में 667वां रैंक हासिल किया और उन्होंने अथक प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की।

राम भजन  कहते हैं, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह संभव होगा। मुझे बस इतना पता था कि अपने परिस्थितियों को बदलने के लिए वास्तव में कुछ बड़ा सोचना होगा। जब तक मैं दिल्ली पुलिस सेवा में शामिल नहीं हुआ तब तक मुझे यह नहीं मालूम था कि यूपीएससी क्या है”।

राम भजन 2009 में पुलिस सेवा में शामिल हुए थे। उन्होंने आईएफएसओ में भी काम किया है। साथ ही यह साइबर काम किए कि स्पेशल यूनिट और इस यूनिट में क्राइम के जटिल और संवेदनशील मामलों को संभाला जाता है। यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की प्रेरणा उन्हें एक अन्य पुलिस अधिकारी को देख कर आई थी जिन्होंने पुलिस सेवा में रहते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास की थी।

राम भजन कहते हैं,  “मेरे माता-पिता मजदूरी करके रोटी कमाते थे और मैंने अपनी शुरुआत पढ़ाई गांव के एक सरकारी स्कूल से की। 12वीं पास करने के बाद मुझे दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में चुना गया और मैं अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

साथ ही कहते हैं, “मैंने परीक्षा से ठीक पहले ही 1 महीने की छुट्टी ली थी और मुखर्जी नगर से चढ़ी का मटेरियल खरीदा था। साथ ही फिरोज आलम सर जो कि दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल थे और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद एसीपी बने।मुझे उनसे प्रेरणा मिली है। साथ ही उन्होंने हमेशा हम जैसे लोगों की मदद और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है”।

राम कहते हैं कि मेरी पत्नी ने पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाया और साथ ही बदले में मैंने उन्हें प्रेरित किया और उन्हें नियमित रूप से स्कूल जाने दिया और यह एक चुनौतीपूर्ण फैसला था क्योंकि मेरे गांव में शादी के बाद लड़की या घर की बहू सिर्फ घर का काम संभालती थी।

राम भजन महीनों तक अपने परिवार से दूर रहते थे। साथ ही वह दिल्ली पुलिस के साइबर मेल में अपनी ड्यूटी करते हुए रोजाना 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करते थे और 2012 में उनकी शादी हो गई। राम भजन की पत्नी ने आठवीं क्लास के बाद स्कूल छोड़ दिया था, लेकिन पति से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू की राम भजन ने अपनी पत्नी को अपनी सफलता का क्रेडिट दिया है। साथ ही कहा है कि- “मेरी पत्नी ने पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी संभाला है”।

PEHCHAN FARIDABAD

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