वायु प्रदूषण नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। समस्या पर अंकुश लगाने के लिए सारे प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं और अब नोएडा में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्राधिकरण ने एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल बनाने का निर्णय लिया है। यह सेल एयर क्वालिटी के लिए बनाया गया है जो इंडेक्स को नियंत्रित करने में काम करेगा।
उन स्थानों पर जाकर मॉनिटरिंग करेगा जहां निर्माण कार्य किसी भी अन्य कारण से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। एनसीआर में पहली बार होने जा रहा है क्योंकि जमीनी स्तर पर किसी मॉनिटरिंग सिस्टम को विकसित कर बढ़ते एक्सयूआई के स्तर को कम करने की दिशा में काम शुरू किया गया हैं।
कंसलटेंट कंपनी के निर्देश पर करीब 10 लोगों की टीम तैयार की जाएगी। जिसके पास एक्यूआई डिवाइस के साथ एपीआई तकनीकी से रिलायंस मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जाएगा। यह फोन ऐप के जरिए काम करेगा। शहर के 168 सेक्टर और 81 गांव में सेल प्रतिनिधि फिजिकल पैनी नजर रखेंगे।
इसलिए नोएडा प्राधिकरण ने एक पेग कंसलटेंट कंपनी का चयन किया है जिसके साथ प्राधिकरण जन स्वास्थ्य विभाग और वर्क सर्किल कार्य करेंगे, जिसका कंट्रोल रूम सेक्टर 94 में होगा। यहां पर बैठा हर व्यक्ति कैमरे के जरिए यहां बता देगा कि किस गांव और सेक्टर में निर्माण के लिए मैटेरियल आ रहा है। उस क्षेत्र के आसपास का एक्यूआई सेल प्रतिनिधि चेक करेंगे। यदि एक्युआई बड़ा मिला तो निर्माण के स्थान को मोबाइल फोन के जरिए कैप्चर कर लिया जाएगा।
कैप्चर होने के बाद पूरा सिस्टम एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस से जुड़ जाएगा। इसलिए डाटा कंट्रोल रूम में सुरक्षित हो जाएगा। इसके साथ ही इस बात की भी जांच की जाएगी कि निर्माण वैध है या अवैध यदि अवैध है तो उसको रुकवा दिया जाएगा और वैध है तो निर्माण का स्थान पर वायु प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से संबंधित गाइडलाइन और नियमों का पालन कराया जाएगा।
इसी प्रकार से शहर में उड़ने वाली धूल को लेकर भी देखा जाएगा कि इसका मुख्य कारण क्या है। कहीं कोई गड्ढा तो नहीं है। यदि है तो उसे नियम अनुसार बंद कराया जाएगा। फुटपाथ पर धूल उड़ने से उसका डस्ट फ्री कराया जाएगा। एपीआई तकनीक के जरिए सेल की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में बैठे शीर्ष अधिकारी कभी भी इसको चेक कर सकेंगे।
प्राधिकरण की ओर से आई टी एम एस के तहत 84 चौराहे तिराहे को चिन्हित किया गया है। इस फिल्म 1046 क्या में लगाए गए हैं। यदि यही नहीं आईसीसीसी के तहत जो कैमरे शहर के अलग से लगाए गए जो शहर में कचरा उठाने से लेकर कचरा निस्तारण दम साइट पर कचरा ले जाने मैकेनिकल स्लीपिंग की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अब इसके साथ वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए स्वयं विकसित किया जा रहा है।
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