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फरीदाबाद की अवैध कॉलोनियां नियमित प्रशासनिक कमेटी के अनुशंसा पर होंगी।

प्रशासनिक कमेटी के अनुशंसा पर ही अवैध कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा। यह बात जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने कही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी शिकायतों के अनुसार अधिसूचना के अनुसार अवैध कालोनियों को डेवलपर्स जमीन मालिक अथवा आरडब्लूए आवेदन करें।

आवेदन के साथ कॉलोनी का लेआउट प्लान और मलकिया से संबंधित दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है। जिला उपायुक्त शुक्रवार को प्रशासनिक कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने नगर निगम की सीमा से बाहर विकसित की गई।

फरीदाबाद की अवैध कॉलोनियां नियमित प्रशासनिक कमेटी के अनुशंसा पर होंगी।फरीदाबाद की अवैध कॉलोनियां नियमित प्रशासनिक कमेटी के अनुशंसा पर होंगी।

अवैध कॉलोनियों में नागरिक सुविधाओं के साथ अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए 19 जुलाई 2022 को अधिसूचना जारी कर दी गई थी। उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी आवेदनों की जांच कमेटी में जिला नगर योजनाकार संयोजक मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यकारी अभियंता पीडब्ल्यूडी बी एंड आर कार्यकारी अभियंता पी एच डी जिला अग्निशमन अधिकारी कार्यकारी अभियंता पंचायती राज और तहसीलदार के तौर पर शामिल किया गया है।

जबकि कमेटी की अनुशंसा पर अवैध कॉलोनियों में बुनियादी सुविधा देने और इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। आवेदकों द्वारा कॉलोनियों को नियमित करने के लिए बेल्ट एरिया के लिए कलेक्ट्रेट का 5% और खुले क्षेत्रों के लिए 10% की दर से विकास शुल्क जमा करवाने के उपरांत कॉलोनियों को नियमित किया जा रहा है। साथ ही वहां रहने वाले नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

पॉलिसी के अनुसार अवैध कॉलोनियों को चार श्रेणियों में बांटा गया। जिन कॉलोनी में 25 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सड़कों की 9 मीटर से अधिक चौड़ी करते हुए पार का निर्माण कराया जाएगा। वहीं 20 एकड़ में से अधिक में बसी कॉलोनियों में 500 वर्ग मीटर क्षेत्र सामुदायिक भवन के लिए होगा।

इसी तरह जहां 25 से 50 प्रतिशत तक का निर्माण हो चुका है, वहां सड़कों को न्यूनतम 6 मीटर चौड़ा करने के लिए जगह रखी गई है। पार्कों के लिए न्यूनतम 3 प्रतिशत क्षेत्र रखना होगा। इसके साथ 50 से 75 प्रतिशत निर्माण करने वाली कॉलोनियों में सड़क की चौड़ाई के लिए कोई मापदंड नहीं है जिन में 75 प्रतिशत से अधिक निर्माण हो चुका है। वह जमीन और मकान की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

इस दौरान उपायुक्त अपराजिता, डीडीपीओ राकेश मोर कार्यकारी, अभियंता पंचायती राज, गजेंद्र सिंह, जिला नगर योजनाकार एनफोर्समेंट, राजेश शर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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