गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकार ने कई नीतियां बनाई है, बहुत से स्कूल बनवाए हैं, मिड डे मील शुरु किया हैं और भी कई अन्य काम किए हैं। लेकिन सरकार ने शायद ये काम फरीदाबाद शहर में नहीं कराए हैं। क्योंकि यहां के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत ही ख़राब है।
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय NIT मेट्रो मोड़ के करीब 1200 छात्रों के लिए केवल 12 ही कमरे हैं। जोकि बेहद कम है, इसीलिए ये बच्चे पेड़ और टीन शेड के नीचे बैठ कर पढ़ते हैं। क्योंकि उनके पास बैठने के लिए पर्याप्त क्लास रूम नहीं है। जिस वजह से बच्चो और अध्यापको दोनों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि, इसी साल जनवरी के महीने में इस सरकारी स्कूल के 13 जर्जर कमरे तोड़े गए थे। ताकि बच्चो को पढ़ने के लिए अच्छी क्लास रूम दी जा सके। शिक्षा विभाग ने विद्यालय के भवन को बहु मंजिला बनाने के लिए करीब 7 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए भेज दिया था।
लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियो की वज़ह से इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली है। जिस वजह से बच्चों को इस तरह से पढ़ाई करनी पड़ती हैं। बच्चों की संख्या ज्यादा है और जगह कम इसलिए अध्यापक चाहते हैं कि स्कूल को 2 शिफ्टो में कर देना चाहिए।
इस विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि,”बच्चों की संख्या को देखते हुए 60 कमरों की जरूरत है। शिक्षा विभाग के जेई राजकुमार के साथ चर्चा हुई थी, जिसके बाद 48 कमरों की मंजूरी मिली थी। लेकिन आज तक एक भी कमरा नहीं बना है।”
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