इस वक्त फरीदाबाद के यमुना किनारे बसे गांवों में बाढ़ आई हुई है। ऐसे में प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा हैं कि बाढ़ में फंसी हुई जनता को सुरक्षित बाहर निकाल सकें। इसके लिए प्रशासन अब तैयारी कर रही हैं, बाढ़ से निपटने की तैयारी करते वक्त प्रशासन को नाव की भी याद आई। लेकिन जब प्रशासन ने पंचायत भवन से नाव बाहर निकाली तो उसे पता चला की नाव बड़ी ही जर्जर हालत में है। वह बिना मरमत के नहीं उपयोग की जा सकती हैं।
अब सवाल ये उठता है कि यदि प्रशासन पहले ही इस आफ़त से निपटने की तैयारी कर लेता तो आज यह स्थिति पैदा ही नहीं होती। अगर इन नावों की समय समय पर जांच हो रही होती तो आज इन नावों को बिना देरी के ही उपयोग कर लिया जाता।
बता दें कि यमुना में हर साल जल स्तर बढ़ता है, ऐसे में हर साल बाढ़ आने की संभावना होते हुए भी प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की हुई। पहले ज़िला आपदा प्रबंधन हर साल जून के महीने में जिले के लोगों को बाढ़ से निपटने की तैयारियों के बारे में बता देता था। लेकिन अब प्रशासन लोगों को कुछ बताता ही नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें कि जिला प्रशासन के पास बाढ़ से निबटने के लिए अपनी 3 नाव है, जिनमें से एक नाम फरीदाबाद तहसील में और दो नाव बल्लमगढ़ की तहसील में है। यह नाव पिछले 4 सालों से पंचायत भवन में ऐसे ही पड़ी है। ना तो इनकी कोई मरम्मत कर आता है और ना ही इनकी कोई सफाई कर आता है।
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