इस बार देश के कई राज्यों के साथ फरीदाबाद के कुछ हिस्सों में भी बाढ़ आई हुई है। ऐसे में रिहायशी इलाकों के साथ-साथ खेतों की फसलों में भी भारी नुकसान हुआ है। जब इस बार फसल सारी बर्बादी हो गई है, तो साल 2024 में महंगाई का बढ़ना लाज़मी है।
जानकारी के लिए बता दें कि साल 1978 में भी यमुना नदी में इसी तरह की बाढ़ आई थी, लेकिन उस समय ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। दरअसल इस बार की बाढ़ का सबसे बड़ा कारण है, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकार जिन्होंने अपनी अपनी सीमा में पत्थर लगाकर किनारों को बांध दिया है। जिस वजह से यमुना नदी के पानी को पूरी तरह से फैलने के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है। इसलिए वह पानी अब रिहायशी इलाकों और खेतों में घुस रहा हैं।
इस बार की बाढ़ को देखते हुए बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि साल 1978 में जब बाढ़ आई थी, तब हरियाणा के किसी भी गांव या खेत की तरफ कटाव को रोकने के लिए पत्थर नहीं लगाए गए थे और ना ही यूपी ने अपनी सीमा में कोई बांध बनाया था। जिस वजह से बाढ़ का पानी केवल 1-1 या 2-2 फुट ही खेतों में जमा हुआ था।
लेकिन इस बार किनारों पर बांध लगने की वजह से यमुना का पानी खेतों में पांच 5 फुट जमा हो गया है। जिस वजह से फसलों का काफी नुकसान हुआ है।
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