इन दिनों फरीदाबाद शहर जलभराव की समस्या से जूझ रहा हैं, ऐसे में इस जलभराव का कारण है नगर निगम की लापहरवाही और जनता का नालों पर अतिक्रमण। बता दें इस समय फ़रीदाबाद के 100 साल पुराने बुढ़िया नाले पर लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है, जिस वजह से यह नाला अच्छी तरह से साफ़ नहीं हो पाता है।
बुढ़िया नाले की तरह ही गोंछी ड्रेन, NIT के नालों का भी यहीं हाल हैं। यहां पर भी लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। लोगों के अतिक्रमण की वज़ह से ही बारिश का पानी ठीक ढंग से इन नालों में नहीं पहुंच पाता है, जिस वजह से सड़कों पर जलभराव हो जाता हैं।
बता दें अभी कुछ समय पहले FMDA (फ़रीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण) ने फ़रीदाबाद शहर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए बुढ़िया नाले को साफ करनें की योजना बनाई थी। लेकिन अतिक्रमण की वज़ह से कुछ हिस्सों की सफ़ाई नहीं हो पाई। इस बुढ़िया नाले की लंबाई करीब 2200 मीटर है, जिसमें से 1700 मीटर की सफ़ाई हो चुकी हैं। लेकिन बाकि 700 मीटर पर अतिक्रमण किया हुआ है। वैस FMDA ने इस कार्य पर करीब 3.05 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
जानकारी के लिए बता दें कि बुढ़िया नाले को मुगल ब्रिज भी कहा जाता हैं। यह नाला सूरजकुंड-अनखीर सड़क से शुरू होकर यमुना नदी के किनारे तक जाता हैं। इस ब्रिज का प्रयोग करके ही मुगल राजाओं ने अपनी सेना का आवागमन आसान बनाया था। पहले यह नाला चार गुना चौड़ा था, इसी नाले की मदद से अरावली के पहाड़ों से आने वाले बारिश के पानी की निकासी होती थीं।
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