इन दिनों हरियाणा राज्य के लगभग सभी इलाकों में बाढ़ आई हुई है। इस बाढ़ का पानी अबकी बार न सिर्फ रिहायशी इलाकों में घुसा बल्कि खेतों में भी घुसा हैं। जिस वजह से किसानों का काफ़ी नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों को इस नुकसान से राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के ऐलान किया है।
लेकिन प्रदेश सरकार फरीदाबाद जिले के 14 गांव के किसानों को मुआवजा नहीं देगी। इसके पीछे की वजह है कि किसानों की 4803 एकड़ जमीन यमुना के दूसरी ओर हैं, यानी की इन खेतों की जमीन उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा से लगती हैं। ऐसे में इन जमीनों का राजस्व रिकार्ड भी उत्तर प्रदेश की सरकार के पास हैं। बता दें कि इन 14 गांव में चांदपुर, बेला, घुड़ासन, इमामुछीनपुर, मंझावली, अकबरपुर, शाहजहांपुर, फैजपुर, साहुपुरा, दूल्हेपुर, मोठूका, छायंसा आदि गांव शामिल है।
इन गावों के किसान यमुना नदी को पार करके खेती करते हैं। इसलिए 48 साल बाद भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा का विवाद वैसा का वैसा ही है। हर साल फसल की कटाई के दौरान किसानों मे सीमा को लेकर विवाद होता है।
इस पर SDM त्रिलोक चंद का कहना है कि, “जिन किसानों का फ़रीदाबाद मे राजस्व रिकार्ड हैं। सरकार उन्हीं को मुआवजा राशि देगी।”जानकारी के लिए बता दें कि सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों को 15 हज़ार रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा देगी।
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