स्मार्ट सिटी फरीदाबाद को विकसित करने के लिए आए दिन नए नए प्रोजेक्ट लाए जाते हैं, ताकि इन प्रोजेक्ट के जरिए शहर विकसित हों सकें और जनता को भी सुविधा मिल सकें। इन प्रोजेक्ट के चलते शहर अब एक्सप्रेसवे के जाल से घिर गया है। यहां का लगभग हर एक हिस्सा हाईवे और एक्सप्रेसवे से घिरा हुआ है। इन एक्सप्रेसवे को लेकर केंद्रीय राजमार्ग मंत्री कहते हैं कि, इन एक्सप्रेसवे का उपयोग करने से दिल्ली से मेरठ, चंडीगढ़, मुंबई और देश के अन्य हिस्सों में जाने के लिए समय की बचत होती है।
लेकिन एक तरफ जहां इन एक्सप्रेसवे का उपयोग करने से समय की बचत होती हैं, वहीं दूसरी ओर ये एक्सप्रेसवे किसी की मौत का कारण भी बन सकते हैं। क्योंकि इन एक्सप्रेस वे के आसपास प्रशासन ने कहीं भी ट्रॉमा सेंटर नहीं बनवाएं है, जिस वजह से अगर इन एक्सप्रेस वे पर कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो लोगों की जान जाने का खतरा बना रहता है।
बता दें कि जो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होता है, उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद सीधे हायर सेंटर दिल्ली रेफर कर दिया जाता है। क्योंकि फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल में भी ट्रॉमा जैसी सुविधाएं नहीं है। जानकारी के लिए बता दें कि दुर्घटना होने के बाद एक घायल मरीज के पास गोल्डन आवर होता है, यदि उस गोल्डन आवर में मरीज को सही ट्रीटमेंट दिया जाए उसकी जान बच सकती हैं।
इसी के साथ बता दें कि बीते बुधवार को दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेस वे का पहला चरण दोसा तक शुरू हो गया है। वहीं मुंबई एक्सप्रेस वे पर फरीदाबाद से काफी आगे ट्रॉमा सेंटर बनाने का काम चल रहा है।
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