युवा और बुजुर्गों में बहुत अंतर है, जैसे की तजुर्बे का, स्वास्थ का, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ साथ एक तरफ जहां उनका तजुर्बा बढ़ता है, वहीं बीमारियां भी व्यक्ति के शरीर में घर बना लेती है। लेकिन बीमारियों के मामले में आज के युवाओं की स्थिति बुजुर्गों से भी ज्यादा बत्तर है। क्योंकि आज के बढ़ती सुविधाओं के युग में युवाओं को छोटी सी उम्र में ही गंभीर बीमारियां हो रही है। ये बीमारियां ऐसी है जो पहले के समय में बुजुर्गों को होती है।
दरअसल अभी हाल ही में स्वास्थ विभाग ने 18 से 24 सितम्बर तक शहर के 5 राजकीय स्कूलों में हेल्थ चेकअप का आयोजन किया था। जिसके बाद इस चेकअप की रिपोर्ट ने सबको चौका कर रख दिया है, क्योंकि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 534 छात्रों में से 98 छात्रों की सुनने की क्षमता बहुत ही कम है।
बता दे कि इसके पीछे की वजह है बच्चों का देर तक मोबाइल फोन पर बात करना, ईयर फोन का यूज करना, तेज आवाज में गाने सुनना, ध्वनि प्रदूषण और लगातार सर्दी जुखाम से पीड़ित होना।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि रिपोर्ट में जिन 98 बच्चों की सुनने की क्षमता कम है, उन बच्चों की जांच BK अस्पताल में की जाएगी। यदि इस जांच में किसी बच्चे को सर्जरी भी जरूरत होगी तो, उसकी सर्जरी भी कराई जाएगी। साथ ही उन्हें सुनने की मशीन भी दी जाएगी। बता दें कि यह जांच मुफ्त की जाएगी। क्योंकि इस बात की जानकारी राष्ट्रीय बधिरता निवारण और नियंत्रण कार्यक्रम (NPPCD) की नोडल अधिकारी डॉ. सीमा ने दी है।
इस पर उप सिविल सर्जन डॉ. रश्मी बतरा ने बताया कि,”
राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले 18 वर्ष तक के बच्चों के कान की जांच की गई थी। जिस में करीब 20 से 25 फीसदी बच्चों में कम सुनने की शिकायत मिली है।
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