शहर में इस समय श्रद्धालुओं के लिए बहुत से मंदिर बने हुए है, लेकिन इतने सारे मंदिर होने के बाद भी मोहना के मां कालका मंदिर की मान्यता ही कुछ और है। क्योंकि इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, यानि की यह मंदिर 6 हज़ार साल पुराना है।
दरअसल कुछ पुरानी मान्यताओं के अनुसार पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस मंदिर में पूजा अर्चना करके माता कालका से अपने विजयी होने का आशीर्वाद मांगा था। बता दें कि यह मंदिर मोहना गांव के जंगलों में बना हुआ है। हर समय यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रहती है।
क्योंकि वह कोई भी शुभ काम करने से पहले यहां पर पूजा अर्चना ज़रूर करते है। ताकि उनके सभी कार्य सफल हो। लेकिन नवरात्रि की बात ही कुछ और है, इस समय यहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। श्रद्धालु न सिर्फ शहर के होते है, बल्कि दूसरे राज्यों के भी होते है।
इसी के साथ बता दें कि इस मंदिर में कालका मां की जो मूर्ति स्थापित है, वह अष्टधातु की बनी हुई है। जिसके पीछे अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ है, हैरानी की बात यह है कि आज तक इसे कोई पढ़ नहीं पाया है।
जानकारी के लिए बता दें कि मां कालका को मोहनगढ़ वाली मां कालका के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि मोहना गांव को पहले मोहनगढ़ के नाम से जाना जाता था।
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