इन दिनों स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की न तो हवा सांस लेने लायक है और न ही पानी पीने लायक है। यहां की जनता के सामने करो या मरो वाली स्थिति बनी हुई है। यदि वह पानी और हवा का उपयोग नहीं करेंगे तो भी मर जाएंगे, और करेंगे तो भी मर जाएंगे। क्योंकि यहां पर इतना प्रदूषण बढ़ रहा है कि यहां की हवा और पानी लोगों के लिए जहर बन गया है।
वैसे शहर के जल प्रदूषण की असली वजह है प्रशासन, क्योंकि प्रशासन किसी भी चीज़ पर ध्यान नहीं देती है। दरअसल इस वक्त शहर में कई ऐसी फैक्ट्रियां है, जो गंदे कैमिकल वाले पानी को खुले नाले और नहरो में बिना ट्रीट करे ही बहा रही है। लेकिन हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड है कि कोई कार्यवाही ही नहीं कर रहा है। बता दें कि इस कैमिकल वाले पानी से न सिर्फ नालों का पानी दूषित हो रहा है,बल्कि ग्राउंड वॉटर भी दूषित हो रहा है।
इसी के साथ बता दें कि इस समस्या को लेकर कई बार शहर की जनता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने मुद्दा उठाया है। लेकिन प्रशासन के कान पर जूं ही नहीं रेंगती है।
पानी की इस समस्या पर वॉटर एक्सपर्ट निर्मल ने बताया है कि,”फैक्ट्रियों से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी को अगर खुले नाले में डाला जाएगा तो नाला नीचे से कच्चा होता है। पानी जमीन के अंदर भी जाता है, जब पानी नीचे जाता है तो वह साफ पानी के अंदर घुल जाता है। कैमिकल युक्त पानी के खतरनाक तत्व पानी में मिल कर ट्यूबवेल के माध्यम से ऊपर आते है। फरीदाबाद क्षेत्र में ट्यूबवेल से निकलने वाला पानी खरा हो चुका है। FMDA की रिपोर्ट के अनुसार, ट्यूबवेल के पानी का TDS 2 हजार तक पहुंच गया है, जो काफी खतरनाक है।”
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