Faridabad अब सिर्फ नाम की ही Smart City हैं, क्योंकि यहां की जनता को मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सिर्फ़ धोका ही मिल रहा हैं। कहने को तो यहां पर बड़े-बड़े उद्योगपति, राजनेता, नौकरी पेशे वाले लोग रहते हैं। लेकीन फ़िर भी यहां की हालत गांव से भी ज्यादा बत्तर है, यहां के कुछ इलाकों की हालत तो किसी पिछड़े हुए गांव की जैसी हों गई है। जहां पर चलने के लिए न तो सड़कें और और न ही बिजली है।
वैसे ठीक इसी प्रकार की हालत इस वक्त सेक्टर 46 की हो रखी है। जहां पर जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हुए है, सड़कें टूटी हुई है, जिन पर सीवर का गंदा पानी भरा हुआ है। बिजली कटौती की समस्या बनी रहती है, सड़कों पर आवारा पशु घूमते रहते हैं, जो बड़ी-बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।
इसके अलावा यहां के बाजार में रेहड़ी पटरी वालों ने अतिक्रमण किया हुआ है, ग्रीन बेल्ट में पेड़ पौधे लगने की जगह अवैध वाशिंग सेंटर बने हुए है। समुदियक घर भूतिया घर बने हुए है, क्योंकि काफ़ी समय से उनकी मरम्मत नहीं हुई है। साथ ही जगह जगह मिट्टी के ढेर लगे हुए है, ऐसे में हवा में मिट्टी के कण मिल जाते है। जिस वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है।
जानकारी के लिए बता दें कि इस सेक्टर को साल 1986 यानी की 34 साल पहले बसाया गया था। लेकिन यहां की जनता साल 2023 तक भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जिस वजह से यहां पर रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वैसे यहां की आबादी करीब 30 हज़ार है।
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