स्मार्ट सिटी या औद्योगिक नगर कहा जाने वाले Faridabad शहर का इतिहास 50 साल या 100 साल पुराना नहीं, बल्कि 416 साल पुराना है। यानि कि फ़रीदाबाद शहर का इतिहास मुग़ल काल से जुड़ा हुआ है। क्योंकि वर्ष 1607 में शेख फरीद (बाबा फरीद) ने ग्रान्ड ट्रंक रोड (सडक ए आज़म) की सुरक्षा के लिए फरीदाबाद शहर की स्थापना की थी। बाबा फरीद एक प्रसिद्ध सूफी संत और मुगल बादशाह जहाँगीर के कोषाध्यक्ष भी थे।
इस शहर का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 2151 वर्ग किलोमीटर है, ये शहर मुख्य रूप से यमुना नदी से घिरा हुआ है। वैसे पहले यह शहर गुडग़ांव जिले का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन बाद में 2 अगस्त 1979 को इसे अलग करके प्रदेश के 12वें जिले के रूप में मान्यता दे दी गई।
फ़रीदाबाद को अक्सर “हरियाणा की औद्योगिक राजधानी” कहा जाता है। क्योंकि यहां पर कई औद्योगिक इकाइयां है। वैसे यह शहर हर साल यहां पर आयोजित होने वाले सूरजकुंड शिल्प मेले के लिए भी देश भर में जाना जाता है। क्योंकि यह कारीगरों को उनकी पारंपरिक भारतीय शिल्प, संगीत, नृत्य और भोजन प्रदर्शन करने का मौका देता है।
इन सबके अलावा फ़रीदाबाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), YMCA विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और अन्य प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी जाना जाता है।
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