कुछ समय पहले शहर में महिलाओं से दुष्कर्म, शोषण और छेड़छाड़ के बढते हुए मामलो को देखते हुए DCP ट्रैफिक अमित यशवर्धन ने अपने कार्यालय में ऑटो यूनियन के प्रधान और ऑटो चालकों के साथ एक बैठक की थी। जिसमें उन्होंने सभी ऑटो चालकों को दिशा निर्देश दिए थे कि वह सभी अपने ऑटो का नंबर, अपना मोबाइल नंबर, अपना नाम ऑटो के सामने लिखे।
साथ ही ऑटो के पीछे डायल 112 भी लिखे। निर्देश मिलने के बाद सभी ऑटो चालकों ने देरी ने करते हुए यह काम करा लिया था, ऑटो चालकों के इस कार्य को कराने के बाद से सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। अब ऑटो पर यूनिक ID लगाने के बाद पुलिस ने शहर के ई रिक्शा पर भी यह यूनिक ID लगाने का फैसला किया है। ताकि महिलाओं की अच्छे से सुरक्षा की जा सके। पुलिस ने शहर में कई जगहों पर ID लगाने का शुरू कर दिया है, इसके लिए पुलिस ने मामूली सी फीस तय की है।
जानकारी के लिए बता दें कि शहर में फिलहाल 25 हज़ार के आसपास ऑटो और 10 हजार के आसपास ई रिक्शा चलते है, ऐसे में कई बार चालको को डुंडना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब इन यूनिक ID की वजह से यह काम आसान हो जाएगा।
इस पर DCP ट्रैफिक अमित यशवर्धन का कहना है कि,”शुरू में ई रिक्शा का रजिस्ट्रेशन नहीं होता था।इससे कोई भी अपराध होने पर पुलिस को कार्रवाई करने में परेशानी होती थी।बाद में इनके रजिस्ट्रेशन होने लगे,लेकिन महिला व अन्य सवारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऑटो के साथ अब ई-रिक्शा में भी यूनिक आईडी लगाई जा रही है। प्लेट लगवाने में चालक भी रुचि दिखा रहे हैं।”
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