
शिक्षा विभाग द्वारा किए गए छात्रों के उज्जवल भविष्य के सारे वादे झूठे होते हुए नज़र आ रहे हैं। क्योंकि फरीदाबाद के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत ही ख़राब है। यहां के स्कूलों में पढ़ने के लिए छात्र तो हैं, लेकिन उन्हे पढ़ाने के लिए अध्यापक ही नहीं है। दरअसल इस वक्त जाजरु के राजकीय प्राथमिक माडल संस्कृति स्कूल में सरकार द्वारा निर्धारित की गई रेशनलाइजेशन के अनुसार अध्यापक नहीं है।
वहा पर 300 छात्रों के लिए केवल 4 ही अध्यापक है। जबकि रेशनलाइजेशन के हिसाब से 30 छात्रों के लिए एक अध्यापक होना चाहिए। लेकिन यहां की हालत बेहद ही खराब है। वैसे ये हाल सिर्फ यहां के सरकारी स्कूल का ही नहीं है बल्कि शहर के अधिकतर सरकारी स्कूलों का है। बता दें कि शहर में 200 राजकीय स्कूल हैं, जिनमें शिक्षको की संख्या काफ़ी कम है। शिक्षा विभाग के एक आकड़े के अनुसार शहर में फिलहाल 1400 शिक्षकों की कमी है।
जानकारी के लिए बता दें कि फरीदाबाद खंड के सराय ख्वाजा के स्कूल में 63%, अनंगपुर के स्कूल में 68%, पावटा के स्कूलों में 81%, धौज के स्कूलों में 73% और सेहतपुर के स्कूलों में 53% शिक्षकों के पद रिक्त हैं। वहीं अगर बल्लभगढ़ खंड की बात की जाए तो यहां के फतेहपुर तगा के स्कूलों में 75%, समयपुर के स्कूलों में 68%, बीजोपुर के स्कूलों में 81%, मोहना के स्कूलों में 75% और अरुआ के स्कूलों में 30% शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
इस पर अपनी सफ़ाई देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी बल्लभगढ़ मेंहद्र कुमार का कहना है कि,”अध्यापकों की कमी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। हम प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सभी विद्यालयों को अध्यापक उपलब्ध कराए जाएं। उपलब्ध अध्यापकों को ही समायोजित किया जाएगा।”
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