इन दिनों 38 वे Surajkund मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेला देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक आ रहे है। ऐसे में मेले में आने वाले पर्यटकों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए मेला शुरू होने से पहले रोडवेज़ ने मेले के लिए 18 स्पेशल बसें चलाई थी, ताकि पर्यटक बिना किसी परेशानी के मेला स्थल तक पहुँच जाए। लेकिन इस फ़ैसले से रोडवेज़ का काफ़ी नुक़सान हो रहा है, क्योंकि रोडवेज़ की इन बसों में उतनी सवारिया नहीं आ रही है जितनी रोडवेज ने सोची थी।
बता दें कि रोडवेज़ की एक बस मात्र 1200 रुपए का राजस्व लेकर आ रही है, जिसमे से कुछ बसों को बदरपुर बॉर्डर पर Toll Tax भी देना पड़ता है। इसी के साथ बता दें कि बसों में सुबह और शाम के समय यात्रियों की संख्या ठीक ठाक होती हैं, लेकिन दिन के समय बसें खाली चलती है।
जानकारी के लिए बता दें कि रोडवेज ने Surajkund मेला में बस चलाने के लिए बसों को लोकल रूटों जैसे पलवल, गुरुग्राम और होडल से हटाया था। वही अगर इन रूटो के राजस्व की बात करें तो पलवल का एक चक्कर लगाने पर ढाई हजार रुपये और गुरुग्राम रूट पर जाने वाली बस करीब 7 हजार रुपये राजस्व लेकर आती है। लेकिन अब रोडवेज़ के इस राजस्व का भी नुक़सान हो रहा है।
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