प्रदेश में ऐसे कई मंदिर है जो 100-200 साल पुराने है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएँगे जो 100-200 नहीं बल्कि 5200 साल पुराना है। हम जिस मंदिर की बात कर रहे है, वह मंदिर हरियाणा के नूह जिले का पांडवकालीन नल्हरेश्वर महादेव शिव मंदिर है। यह मंदिर अरावली की वादियों में बना हुआ है, इस मंदिर में हेमशा भक्तों की भीड़ रहती है।
बता दें कि इस मंदिर में आने वाली 26 फ़रवरी को महाशिवरात्रि के दिन एक बहुत बड़े मेले का आयोजन होने वाला है। जिसमें हजारों श्रद्धालु महादेव का जलाभिषेक करके उनकी पूजा अर्चना करेंगे। इस मेले के लिए मंदिर समिति ने तैयारियाँ शुरू कर दी है, ताकि मेले के दौरान किसी को कोई परेशानी न हो।
इसी के साथ बता दें कि यह वही मंदिर है जहाँ पर साल 2023 में कावड़ यात्रा के दौरान जलाभिषेक को लेकर हिंसा हुई थी। जानकारी के लिए बता दें कि नल्हरेश्वर महादेव मंदिर से करीब 500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर एक कदम्ब का पेड़ है।जिसमे से सदियों से साफ और मीठा पानी बह रहा है।
वैसे मिली हुई जानकारी के अनुसार श्रीकृष्ण भगवान ने कौरवों और पांडवों का समझौता कराने के लिए इस जगह को चुना था और जहाँ पर कदम्ब का पेड़ है वहाँ पर श्री कृष्ण के चरण पड़े थे। वैसे महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इसी अरावली पर्वत पर कुछ समय बिताया था।
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