रक्त दान सबसे बड़ा दान माना जाता है | लोग श्रद्धा से रक्तदान करते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के युवक ने जूस पीने के लिए रक्तदान किया | कुछ दिनों पहले एक चौकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक छुट्टन पांडेय नामक युवक ने रक्तदान करने के पश्चात जूस न मिलने पर गुस्से में बदला लेते हुए अपने द्वारा दान किये गए रक्त को बोत्तल मुह से लगाकर पी गया |
भ्रष्टाचार हर कार्यें में होता है | यह बात भी किसी से छिपी नहीं है रक्तदान के अवसर पर बिस्कुट,जूस बांटने में भारी भ्रष्टाचार होता आया है शिविर लगाने वाले लोग अपने घर यह सभी चीज़े ले जाते हैं | छुट्टन जैसे ज़्यादातर लोग बिस्कुट खाने के इरादे से ही रक्तदान करते हैं | सरकारों ने भी गत वर्षों में बिस्कुट की गुणवत्ता व मात्रा बढ़ाने पर ज़ोर दिया है ताकि छुट्टन जैसे लोग भी भारी मात्रा में रक्तदान करें |

इंसान के कर्म ही उसके साथ जाते हैं | भ्रष्टाचार करने वालों को ये सोचना चाहिए कि जनता का पैसा जो वे लूट रहे हैं उसको सूत समेत इसी जनम में चुकाना होगा उन्हें या उनके परिवार को किसी आपदा के संकट में | आपने ऐसा पहली बार सुना हो कि किसी ने रक्तदान कर कर अपना खून वापस ले लिया हो और वापिस क्या छुट्टन तो मुह लगाकर पी ही गया ।

लोगों की आस्था भगवान में ही नहीं खाने में भी बसती है | पहचान टीम ने जब छुट्टन से पूछा आपने ऐसा क्यों किया तो यह पूछने पर छुट्टन भावुक हो उठे और कहा पारले जी बिस्कुट हमारी आस्था का विषय है और आज सुबह बिना ब्रश किये इसीलिए हम रक्तदान करने गए थे वरना मुझे तो खुद आये दिन खून की ज़रूरत पड़ती रहती है | मगर बिस्कुट के नाम पर जो धोखा हुआ वो में बर्दाश्त नहीं कर पाया व अपने आप को ठगा हुआ महसूस किया | और बचपन से सीखा हुआ था किसी का हिसाब बाकी नहीं रखते सो मैंने भी अपना खून वापिस ले लिया |

पहचान फरीदाबाद की टीम आज सरकारों से अपील करती है , बिस्कुट और जूस के भ्रष्टाचार पर नकेल कसे वरना आज के छुट्टन जैसे युवाओं का रक्तदान से विश्वास उठ जाएगा |