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कोविड – 19 से मुकाबले के लिए एनटीपीसी ने उठाए अनेक नए कदम, निर्बाध बिजली आपूर्ति को भी किया सुनिश्चित

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देशव्यापी लाॅकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के वर्तमान दौर में एनटीपीसी ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दिए गए सभी दिशानिर्देशों की पालना करते हुए देश में निर्बाध बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित किया है। एनटीपीसी के सीएमडी श्री गुरदीप सिंह और एनटीपीसी के सभी रीजनल हैड सभी घटनाक्रमों की निगरानी कर रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि बिजली उत्पादन में कोई अंतर नहीं आने पाए। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के सुचारू संचालन के लिए बिजली की उपयोगिता को देखते हुए एनटीपीसी लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के बारे में दिए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए देश को निरंतर शक्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।एनटीपीसी के आसपास के क्षेत्रों में वंचित व्यक्तियों और प्रवासी श्रमिकों के लिए सामाजिक कल्याण की गतिविधियाँ भी शुरू की जा रही हैं।एनटीपीसी का इरादा निर्बाध बिजली आपूर्ति और कर्मचारियों की भलाई दोनों को सुनिश्चित करना है। इसलिए, पावर स्टेशन मैनपावर की अपेक्षित संख्या के साथ काम कर रहे हैं, जबकि बाकी कर्मचारी व्यापक आईटी सपोर्ट के माध्यम से घर से योगदान दे रहे हैं।

कोविड - 19 से मुकाबले के लिए एनटीपीसी ने उठाए अनेक नए कदम, निर्बाध बिजली आपूर्ति को भी किया सुनिश्चित


कोविड – 19 की वैश्विक महामारी के खिलाफ अपनी सतर्कता को तेज करते हुए एनटीपीसी ने पहले से ही अपने 45 अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों का उपयोग करके आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध करवाई है और ऐसे मामलों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए चिकित्सा कर्मचारियों के लिए अपेक्षित उपकरणों की खरीद की है। सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों में ऑक्सीजन आपूर्ति के साथ लगभग 168 आइसोलेशन बेड बनाए गए हैं और अतिरिक्त 122 बेड जरूरत के आधार पर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। कोविड मामलों से निपटने के लिए राज्य सरकारों के उपयोग के लिए दो अस्पताल तैयार किए गए हैं, जिनमें दिल्ली का बदरपुर अस्पताल और ओडिशा के सुंदरगढ़ का मेडिकल कॉलेज अस्पताल शामिल है।
वर्तमान दौर में स्वास्थ्य सेवाओं की उचित उपलब्धता को देखते हुए उपकरणों की खरीद के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। वर्तमान में, एनटीपीसी के परियोजना अस्पतालों में 7 वेंटिलेटर हैं। वेंटिलेटर के साथ 18 उन्नत स्तर की एम्बुलेंस भी हैं। विभिन्न अस्पतालों के लिए 18 और वेंटिलेटर और 520 आईआर थर्मामीटर खरीद की प्रक्रिया में हैं।
पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट और हैंड सैनिटाइजेशन घातक कोरोनावायरस के खिलाफ सबसे बड़े रोकथाम तंत्र के रूप में उभरे हैं, इसलिए एनटीपीसी ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए परीक्षण, उपचार और परिवहन दिशानिर्देश सभी सीएमओ के साथ साझा किए हैं। मेडिकल स्टाफ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के उपयोग के बारे में वीडियो कॉल पर भी प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा 1200 पीपीई किट, 1,20,000 सर्जिकल मास्क और 33,000 से अधिक दस्ताने, 5000 एप्रन, 8000 जूता कवर और 535 लीटर सैनिटाइजर सभी परियोजना और स्टेशनों को भेजे गए हैं।चूंकि इस बिंदु पर रोकथाम बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए एनटीपीसी की कई इकाइयों ने रोकथाम और राहत कार्य तेज किए हैं और इस उद्देश्य के लिए अब तक 3.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है।

एनटीपीसी फ़रीदाबाद भी इस लड़ाई में सामाजिक दायित्व के अंतर्गत 7.5 लाख का आर्थिक सहयोग दे चुका है, जिसका उपयोग Isolation Centre, सामुदायिक रसोई ( सैक्टर -15 फ़रीदाबाद) के सहयोग के लिए किया जाएगा, जो जरूरतमंद और प्रवासी श्रमिकों को हर दिन 25000 भोजन परोस रहे हैं और समुदाय में तीन गौशालाओं की लगभग 4000 गायों के लिए चारे का प्रबंध कर रहे हैं। एनटीपीसी फरीदाबाद प्रबंधन ने भी आस पास के गांवों में रहने वाले दैनिक मजदूरों तथा अन्य लोगों के भरण पोषण का पूरा ध्यान रख रहा है। इन परिस्थितियों में परियोजना के आस पास रह रहे दैनिक मज़दूरी करने वाले जिनकी आजीविका प्रतिदिन की कमाई पर आश्रित थी, उन्हें खाने की समस्या आ रही है। इन परिस्थितियों में एनटीपीसी फरीदाबाद प्रबंधन ने खाद्य सामग्री खरीद कर परियोजना के नजदीक गाँव मिर्ज़ापुर , नीमका एवं तिगाओं में रह रहे दैनिक मजदूरों को का राशन वितरित किया।साथ ही आस पास के गाँव मे को फोगिंग कराया गया। फोगिंग कराने का उद्देश्य कोरोना वायरस के बीच मच्छरों इत्यादि से होने वाले बीमारियों से लोगों को बचना है। इस बीमारी से लड़ने के लिए मास्क वितरित किए गए । यह अभियान अभी जारी है।

एनटीपीसी ने कोविड -19 की वैश्विक महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज करते हुए पीएम केयर्स फंड में 250 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। कंपनी के कर्मचारियों के वेतन अंशदान के रूप में मिले 7.50 करोड़ रुपये भी पीएम केयर्स फंड में जमा कराए गए हैं।

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