भारत में संस्कृत को लोग भले ही ना पढ़ते हो। लेकिन विदेश में रह रहे भारतीय समाज के लोग, संस्कृत भाषा के संस्कृति से लोग अभी भी जुड़े हुए हैं।
अभी हाल ही में खबर आई सूरीनाम देश से, जहां के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने संस्कृत में राष्ट्रपति की शपथ ली।
संतोषी मूल रूप से भारतीय हैं, जो लैटिन अमेरिका देश सूरीनाम के राष्ट्रपति चुने गए हैं। इन्होंने संस्कृत में शपथ लेकर इस भाषा का मान बढ़ाया ही, साथ में यह भी बताया कि भारतीय संस्कृति से उन्हें कितना लगाव है।चंद्रिका प्रसाद को सूरीनाम में चान प्रसाद के नाम से जाना जाता है, और संस्कृत में शपथ लेने के बाद में भारतीय सोशल मीडिया पर भी मशहूर हो गए हैं।
सुरीनाम एक पूर्व डच उपनिवेश रहा है, जहां 5,87,000 हजार की आबादी में 27.4% की भारतीय मूल की सबसे बड़ी आबादी है, और सूरीनाम नाम में भारतीय लोग सबसे बड़े जातीय समूह के हैं।सूरीनाम में चंद्रिका प्रसाद की पार्टी मुख्य तौर पर, भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है और पार्टी को यहां पर यूनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रपति चुनाव में चंद्रिका प्रसाद ने पूर्व सैन्य नेता, desi bauters को काफी बड़े अंतर से हराया है, desi bauters की नेशनल पार्टी आफ सुरीनाम (एनपीएस) देश में आर्थिक संकट के कारण मई में चुनाव हार गई थी।
अब संतोषी को bauters से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था विरासत के रूप में मिली है, जिन्होंने चीन और वेनेजुएला के साथ संबंध स्थापित करते हुए देश के आर्थिक समस्याओं का शिकार बना दिया था।
Written by – Ankit Kunwar
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