
फरीदाबाद की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है, जिससे आम जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण लागू हो चुका है, लेकिन शहर में हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ते दिख रहे हैं।
बृहस्पतिवार को दोपहर के वक्त बल्लभगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। शाम तक इसमें हल्की गिरावट ज़रूर आई, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी रही।
शहर के कई हिस्सों में निर्माण कार्य जारी है, जिससे धूल और प्रदूषण में इजाफा हो रहा है। आगरा-मथुरा नेशनल हाइवे समेत ओल्ड फरीदाबाद की कई सड़कों की खुदाई चल रही है, जिससे उड़ती धूल स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ा रही है।
इसके अलावा, फरीदाबाद में कई होटल, ढाबे और फुटपाथ विक्रेता अब भी खुलेआम कोयले की भट्टियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। एनआईटी क्षेत्र में स्थित कुछ ढाबों पर धड़ल्ले से भट्टी सुलगाई जा रही है, जिस पर स्थानीय प्रशासन की कोई सख्ती नज़र नहीं आती।
ग्रेटर फरीदाबाद और बल्लभगढ़ के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहीं कुछ स्थानों पर रात के समय कूड़ा जलाए जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं। इन गतिविधियों से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जबकि ग्रेप के तहत इन पर रोक होनी चाहिए।
जाहिर है, ग्रेप के पहले चरण की सख्ती ज़मीनी स्तर पर अभी असर नहीं दिखा पा रही है, और यदि जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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