फरीदाबाद : पंचकूला में एक ही परिवार के 9 मरीजों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद जिले के डॉक्टर ऋषि नागपाल पर महामारी एक्ट का उल्लंघन करने की धारा से केस दर्ज किया गया है। इस घटना के बाद ही फरीदाबाद जिला आयुक्त ने सतर्कता बरतते हुए जिले में आदेश जारी किए हैं।
गौरतलब, यह घटना पंचकूला के सेक्टर-15 की है, जिसमें एक ही परिवार के 9 मरीज कोरोना पॉजिटिव मिले थे। डॉक्टर पर आरोप है कि वह इन लोगों का गुपचुप इलाज करते रहे और जिला प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं दी।
इसका यह परिणाम हुआ कि इस परिवार की एक महिला से 8 अन्य परिजनों में कोरोनावायरस फ़ैल गया।
इस बात का संज्ञान खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने लेते हुए उक्त डॉक्टर के खिलाफ एक्शन लेते हुए डॉक्टर ऋषि नागपाल पर केस दर्ज किया गया है।
इस घटना के बाद से जिला उपायुक्त ने ऐसी घटना जिले में ना हो तो ऐसे में कुछ आदेश जारी किए है। जिसमें यदि कोई डॉक्टर्स या फर्मिस्ट ने गुपचुप इलाज करने की कोशिश की तो उक्त लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
जिलाधीष यशपाल यादव के आदेश हैंः
*कोरोनावायरस की जंग में यह जरूरी है कि हम जल्दी से कोरोनावायरस संदिग्धों के टेस्ट, आइसोलेशन और उपचार करें।
*सेल्फ डेक्लेरेशन और एनफ्लुएंजा जैसी
इस बीमारी को रिपोर्ट करने के संबंध में कई आदेश जारी हो चुके हैं।
– लोगों कहा गया है कि यदि उन्हें खांसी, जुकाम या बुखार है, तो वे निकटवर्ती मेडिकल अफसर को बताएं।
– लोगों के समूहों का नेतृत्व करने वाले शहरी और ग्रामीण निकायों के प्रतिनिधियों, आरडब्ल्यूए और ऐसे अन्य संगठनों को निर्देश दिया गया है कि इस तरह के केसों को तुरंत रिपोर्ट करें।
– यह देखा गया है कि बहुत सारे एनफ्लुएंजा जैसे रोगी सरकारी अस्पतालों, निजी अस्पतालों, क्लीनिक्स और कैमिस्ट शाप्स पर जा रहे हैं।
– सरकारी अस्पतालों, निजी अस्पतालों, क्लीनिक्स और कैमिस्ट्स से उम्मीद की जाती है कि वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन और विभिन्न स्तरों पर तय किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (एसओपी) के हिसाब से उन्हें स्क्रीन करें।
– सभी अस्पतालों और कैमिस्ट्स से उम्मीद की जाती है कि वे आईएलआई से पीड़ित रोगियों का विवरण रिपोर्ट करें।
– इसके लिए गूगल स्प्रेडशीट लिंक https://forms.gle/AVE7daF9XHMY4Ku69सभी अस्पतालों, क्लीनिक्स और कैमिस्ट्स को उपलब्ध करवाया गया है।
– सभी अस्पतालों, क्लीनिक्स और कैमिस्ट्स से उम्मीद की जाती है कि वे गूगल स्प्रेडशीट पर बिना किसी विफलता के दैनिक आधार पर आवश्यक जानकारी भेजें।
– कैमिस्ट्स ऐसे रोगियों का डाटा उपलब्ध करवा सकते हैं, जो डॉक्टर के नुस्खे के बिना उनकी दुकान पर आते हैं और आईएलआई से पीड़ित पाए जाते हैं।
– यदि कोई व्यक्ति बाद में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया। तो वह पॉजिटिव उद्घाटित करता है कि वह किसी अस्पताल या कैमिस्ट शाप्स पर गया था और वे इसे अथॉरिटी को रिपोर्ट करने में विफल पाए जाते हैं, तो उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और महामारी अधिनियम, 1897 और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत निरुद्ध कर कार्रवाई की जाएगी।
– मैं उम्मीद करता हूं कि अस्पताल, क्लीनिक्स और कैमिस्ट्स जिम्मेदारी से काम करेंगे और कोरोनावायरस से लड़ने में योगदान देंगे और आवश्यक जानकारी देंगे।
– आदेश का मेमो नबर 382/पीए, दिनांक 18-04-2020 है।
– आदेश डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा हस्ताक्षरित हैं।
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