कोविड-19 के दौरान प्रदेश के किसानों को जहां फसल कटाई से लेकर मंडी लाने तक काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
वहीं मंडियों में खरीद सीजन के दौरान आढ़तियों को फसल की सुखाई, तुलाई, बैग-सिलाई व ढुलाई में मजदूरों की कमी होने के कारण काफी दिक्कतें हुई थी। इस बार गेहूं के सीजन में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ग्राउंड पर जाकर देखा और किसानों व आढ़तियों की पीड़ा को समझा।
डिप्टी सीएम ने हाल ही में खाद्य,नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग व हरियाणा राज्य कृषि एवं विपणन बोर्ड के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें उन्होंने सीजन 2020-21 के लिए धान एवं बाजरा की खरीद के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की।
दुष्यंत चौटाला को जानकारी दी गई कि सीजन के समय फसलों की अधिक आवक के कारण कई बार मंडियों में नमीयुक्त फसलों को सुखाने, उनका तोल करने तथा उसके बाद उठान करने में काफी समय लग जाता है।
जिसके कारण किसान को अपनी फसल बेचने व आढ़ती को अपनी फड़ से उठान करवाने में परेशानी होती है, इसमें दोनों का ही नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। धान, गेहूं, सरसों, मक्का आदि फसल की सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई व बैग सिलाई तथा बैग उठाने में मजदूरों की कमी होने की भी आम शिकायत रहती है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अक्तूबर माह में धान की खरीद के समय तक अगर कोरोना महामारी का प्रकोप रहता है तो इससे मजदूरों की कमी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने अपनी मंडियों में मशीनों से फसल की सफाई करने, लोड करने, बैग सिलाई करने का निर्णय लिया है ताकि किसानों व आढ़तियों को नुकसान से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि फसल के मंडी में पहुंचने से लेकर खरीद होने के बाद उठान होने तक सारी प्रक्रिया सही तरीके से और तेजी से हो।डिप्टी सीएम को जानकारी दी गई कि उनके निर्देश पर आने वाले धान और मक्का खरीद सीजन को देखते हुए राज्य की प्रत्येक मंडी में 2 से लेकर 5 तक ई-लोडर/बैग स्टैकर लगाए जाएंगे।
मोटर से चलने वाले ये ई-लोडर/बैग स्टेकर कन्वेयर बेल्ट सिस्टम की मदद से बैग के तेज और कुशल लोडिंग, अनलोडिंग और स्टैकिंग में मदद करेंगे। इन मशीनों की पूरी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए बैग की सिलाई करने वाली मशीन और इलेक्ट्रॉनिक ढंग से वजन करने वाली तराजू को भी आपस में जोड़ा जाएगा।
ये मशीनें 12 फीट की ऊंचाई तक बैगों के स्टैकिंग बनाने में मदद करेगी। ये मशीन 2-3 बैग प्रति मिनट की दर से ट्रकों में बैग को लोड/अनलोड कर सकती हैं। इन मशीनों की मदद से मजदूरों पर 75 प्रतिशतता निर्भरता कम हो जाएगी। प्रारंभ में ये ई-लोडर/बैग स्टैकर 81 मंडियों में स्थापित किए जाएंगे और बाद में जरूरत के अनुसार राज्य की सभी मंडियों में लगाए जा सकते हैं।
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