हेलमेट पहनने के बाद भी कट सकता है चालान सरकार बदलने जा रही यह नए नियम रोज ना जाने कितने मामले सामने आते है जिसमे छोटी सी लापरवाही मुसीबत का सबब बन जाती है छोटा सा लोभ हमे किसी बड़े हादसे की ओर ले जा सकता है लेकिन अब आपका हेलमेट सस्ता है तो आपको एक अच्छा खासा चालान कट सकता है यदि आप दिल्ली-एनसीआर में दोपहिया वाहन चलाते हैं, तो यह खबर आपके बेहद काम की है।
अगर दोपहिया वाहन चलाने के दौरान सस्ते के चक्कर में लोकल हेलमेट पहनते हैं तो यह काफी खर्चीला होने जा रहा है, क्योंकि ऐसा करने पर वाहन चालक को 1000 रुपये की चपत लग सकती है
यह नियम अगले महीने यानी सितंबर से लागू हो सकता है, ऐसे में दोपहिया वाहन चालकों को अब लोकल हेलमेट पहनना भारी पड़ सकता है
दरअसल, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मोटरसाइकिल सवारों को सुरक्षित हेलमेट मुहैया कराने के लिए पहली बार इसे भारतीय मानक ब्यूरो (Indian Standards Bureau) की सूची में शामिल कर लिया है। इस कड़ी में मंत्रालय ने पिछले महीने 30 जुलाई को अधिसूचना जारी कर हितधारकों से आपत्ति व सुझाव मांगे हैं। माना जा रहा है कि इसके 30 दिन बाद यानी सितंबर महीने से नया नियम लागू कर दिया जाएगा। इसमें लोकल हेलमेट पहनना प्रतिबंधित होगा। नए नियमों के तहत हेलमेट का वजन एक किलो 200 ग्राम कर दिया गया है।
इस नए नियम के तहत दोपहिया वाहन चालक सिर्फ ब्रांडेड हेलमेट ही पहनेंगे। ऐसा नहीं करने यानी लोकल हेलमेट पहनने पर 1000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, लोकल हेलमेट उत्पादन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भरने का साथ जेल की हवा भी खानी पड़ेगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, दुर्घटना के दौरान वाहन चालकों की जान बचाने में यह अहम भूमिका निभाता है। 2016 के अध्ययन के अनुसार, देश में प्रतिदिन लोकल हेलमेट अथवा बिना हेलमेट के चलते 28 बाइक सवार सड़क हादसे में मारे जाते हैं।
यहां पर बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में सड़क हादसों में हर महीने बड़ी संख्या में वाहन चालकों की जान जानती है, इनमें मोटरसाइकिल सवारों की संख्या सर्वाधिक होती है। ऐसे में ज्यादातर सड़क हादसों में हेलमेल नहीं पहनना बड़ी समस्या बन जाता है।
इसमें यह बताया जा रहा है की हेलमेट के उत्पादन और बिक्री के लिए भी नया नियम लागू किया जा रहा है. साथ ही, लोकल हेलमेट की मैन्युफैक्चरिंग पर जुर्माना और जेल की सजा का भी प्रावधान है. 1 मार्च 2021 से इस नियम को देशभर में लागू कर दिया जाएगा.
हेलमेट मैन्युफैक्चरिंग करने वाले को क्वॉलिटी स्टैंडर्ड के बारे में जानकारी देने के लिए प्रत्येक हेलमेट पर बीआईएस विनियम, 2018 के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो से एक लाइसेंस के तहत मानक चिन्ह भी प्रिंट करना होगा. हालांकि, अगर इसका निर्यात किया जाता है तो यह अनिवार्य नहीं होगा. निर्यात किए जाने वाले हेलमेट पर विदेशी खरीदार की मांग और जरूरत के आधार पर मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी. सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि अगर कोई व्यक्ति इस आदेश के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो बीआईएस अधिनियम 2016 के तहत दंडित किया जाएगा.
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