रावण के वो 7 अधूरे काम, जिन्हें देख कर वैज्ञानिकों के भी होश उड़ गए :- रावण आज बुराई का प्रतीक है, क्यूंकि उसने अपने कर्मों से दुनिया की सजीव हो या निर्जीव, हर चीज को अपने बुरे दिमाग अनुसार ढालने की पुरजोर कोशिश की थी. उसके बुरे कर्मों की सूचि दिन प्रति दिन बढती ही जा रही थी. तब जाकर स्वयं भगवान विष्णु भगवान श्री राम का अवतार लेकर उसे मारने धरती पर आये.
रामायण के बारे में सबको पता है. रामायण में रावण का योगदान मुख्यतः राक्षसराज के रूप में है परंतु हर किसी को ये भी पता है कि रावण एक बहुत बड़ा पंडित था.
रावण शंकर भगवान का भक्त भी था. रावण बहुत बड़ा ज्ञाता भी था आज के समय में रावण होता तो एक वैज्ञानिक होता. जिद्दी रावण के भी कुछ ऐसे काम थे जो अधूरे रह गए थे.
आज हम आप को रावण के वहीँ अधूरे काम बता रहे है. जानिये रावण के अधूरे काम जो आज भी अधूरे है.
रावण हमेशा चाहता था कि दुनिया में हर जगह राक्षसों का वर्चस्व हो. जो कि उसकी इच्छा अधूरी ही रह गई.
रावण खुद को बहुत शक्तिशाली समझता था और वो चाहता था कि बस लोग उसी की पूजा करें और इसके लिए उसने स्वर्ग तक सीढियाँ बनाने की एक कोशिश भी की, ताकि वो वहां भी पहुँच कर राज कर सके.
रावण को सोना बहुत पसंद था. इसी लिए उसने सोने की लंका बनवा रखी थी. रावण भी सोने को सुगन्धित करना चाहता था ताकि धरती के संपूर्ण सोने को सहज कर अपने पास रख सके.
रावण एक दम ही अलग तरह से सोचता था. रावण हर चीज को अपने अनुसार ढालने का प्रयास करना चाहता था. जैसे आसमान का रंग काला और समुन्द्र का जल मीठा.
रावण अगर कुछ दिन और जीवित रहता तो मदिरा को गंधहीन बना देता। रावण की चौथी इच्छा थी कि मदिरा में कोई गंध नहीं हो जिससे सभी लोग मदिरापान का आनंद ले सकें।
रावण एक शक्तिशाली पुरुष था वो धरती की हर सुंदर नारी को अपने आस पास रखना चाहता था.
रावण चाहता था कि दुनिया के सभी लोग गोरे हो जाए और रंगभेद हमेशा के लिए दूर हो जाएं। रंगभेद की दूर करने का रावण का ये विचार यूं तो बहुत अच्छा था लेकिन वो इसे पूरा नहीं कर पाया।
ये थे रावण के अधूरे काम – रावण अगर ये काम पूरा कर पाता तो दुनिया की शक्ल हमेशा के लिए बदल जाती, उसकी इस सोच के बारे में वैज्ञानिक भी हैरान है।
यूं तो रावण इन कामों को पूरा नहीं कर पाया लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि इनमें से कुछ कामों के पीछे अच्छी सोच थी। वैसे भी रावण को महापंडित कहा जाता है और उसके ऐसे विचारों से उसके महापंडित होने का पता चलता है।
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