फरीदाबाद जी हाँ वही फरीदाबाद जिसको लोग स्मार्ट सिटी फरीदाबाद कह कर पुकारते हैं। कुछ ही देर की बारिश में यहां लोग नदी और सड़क में फरक समझना बंद कर देते हैं। स्मार्ट सिटी के गाँव मोहना में करीब सभी गरीब परिवार ऐसे हैं, जिनके घर में पानी घुसा है और वो सड़क पर रह रहे हैं। वहां रहने वाले एक बुजर्गे ने बताया कि वे यहां 1976 से रह रहे हैं और जब भी बारिश आती है तो हम सभी गरीब लोग बारिश के पानी को नदी समझ लेते हैं।
मोहना गाँव में जिस तरह जलभराव हुआ पड़ा है उस से आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि यह नदी है या बारिश का पानी। परेशान लोग सड़क पर जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर हैं।
बुजर्गे ने बताया कि उनकी मदद करने को न तो सरपंच आते हैं और न ही प्रशासन। नगर निगम के अधिकारी तो बस पैसा कमाने आते हैं, उन्हें गरीबों की चिंता से फरक नहीं। जिले में मौसम ने एक बार फिर अपना रुख बदला है। दिनभर आसमान में बादल छाए रहते हैं। दिनभर बारिश भी होती रहती है कभी – कभी।
फरीदाबाद में कोरोना और फरीदाबाद नगर निगम में भ्रष्टाचार जिस तरह बढ़ वे गरीबों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है। कल सुबह से ही शुरू हुई बारिश देर शाम तक जारी थी। बारिश से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया। जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त रहा। हालांकि बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है, लेकिन समस्या उस से बड़ी मिली है।
जिले में सिर्फ मोहना गाँव में ही नहीं बल्कि ऐसे अनेकों गाँव हैं जहां लोग बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। कैमरे पर नगर निगम का न तो कोई कर्मचारी या महापौर बोलने को तैयार हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारी। इन्हें तो बस पैसा दीजिये और अपना काम करवा लीजिये।
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