माँ वो होती है जो सभी दुःख सेह कर हमें इस दुनिया में लेकर आती है, लेकिन माँ के सभी उपकार एक संतान कैसे पलों में भूल जाती है इसके उदहारण आपने अनेकों देखे होंगे और पढ़ें होंगे। ऐसी ही एक कहानी है फरीदाबाद की 85 वर्ष बिरमा देवी की। बिरमा के पांच बेटे थे जिसमें से एक जो इसकी सेवा करता था अब इस दुनिया में नहीं है।
ईश्वर ने माँ को ही धरती का देवता बताया है, लेकिन हम इसी देवता को नकारते रहते हैं। जो बीटा उसको पूछता था उसकी मौत हो चुकी है। दो बांस के सहारे तंबू लगाए बैठी 85 वर्षीय बूढ़ी मां बिरमा देवी उम्र के आखिरी पड़ाव पर है। इस बुज़ुर्ग के दो बेटे मुंबई में रहते हैं। एक बेटा सालभर गायब ही रहता है।
दिल में सबसे जयादा बड़ा स्थान माँ का होना चाहिए। बिमरा देवी सड़क किनारे तंबू में अपने आखिरी वक्त का इंतजार कर रही है। बुजुर्ग को पड़ोस के कुछ लोग खाना-पीना दे जाते हैं। उसकी सेवा करते हैं, अब वही लोग उसका सहारा हैं।
सभी शब्दों की हम पन्नो में व्याख्या कर सकते हैं, लेकिन माँ की कभी नहीं। बिरमा अपने पड़ोसियों को ही अपना परिवार मानती हैं। तीन फीट का तंबू लगाकर अपने आखिरी वक्त का इंतज़ार कर रही बिरमा देवी ने अब अपने बच्चों से भी आस छोड़ दी है। बिरमादेवी कहती हैं कि जो जैसा करेगा उसके सामने वैसा ही आएगा, लेकिन यह शब्द बिल्कुल नाउम्मीद हो चुके इंसान के ही हो सकते हैं।
माँ शब्द की व्याख्या करना किसी के बस में नहीं, क्यों की इतने इस दुनिया में शब्द ही नहीं है। उम्र के इस पड़ाव पर आकर यूं भी उम्मीदें साथ छोड़ देती हैं, लेकिन आस-पास के कुछ लोगों के सहारा देने से अब बिमरा की ज़िंदगी की आस जगी है। माँ
ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…
एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…
फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA 2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…
बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…
भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…