फरीदाबाद : लॉक डाउन की वजह से शहर का वातावरण साफ और स्वच्छ हो चुका है शहर में बहने वाली हवा अब ग्रामीण क्षेत्र की हवाओं के समान हो चुकी है । जिस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र की खुली और ताजी हवा हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है । उसी प्रकार अब शहर की हवा भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छी हो चुकी है । लॉक डाउन के दौरान वाहन और इंडस्ट्रीज सभी बंद है इसी वजह से फरीदाबाद शहर का वायु प्रदूषण भी कम हो चुका है शहर की हवाएं स्वच्छ हो चुकी है।
प्रदूषण का स्तर कम होने की वजह से शायद बादल भी अब शहर की ओर आकर गरजने लगे हैं । आज 23 अप्रैल कि सुबह तक कड़कड़ाती धूप थी लेकिन दोपहर होते ही पहले बूंदाबांदी हुई और फिर उसके बाद तेज बारिश शुरू हो गई।
लेकिन ध्यान रखें इन बातों का
इस बिन मौसम की बरसात का कारण प्रदूषण का स्तर कम होना ही है लेकिन फिर भी हमें इस बरसात में बिल्कुल भी भीगना नहीं चाहिए क्योंकि इसके कारण हमें खांसी जुखाम भी हो सकते हैं जो कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी के पहले लक्षण भी है।
बरसात के कारण मौसम में अचानक से बदलाव हो जाता है गर्मी से सर्दी होने की वजह से अन्य बीमारी भी पनपती हैं। इस दौरान बच्चों का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए बरसात के कारण ठंड लगने के आसार भी बढ़ जाते हैं और जिस वजह सर्दी ज़ुखाम हो सकता है। इसलिए से बचाव के लिए गर्म चीजों का सेवन करें हो सके तो हाथों को सैनिटाइजर से सैनिटाइज करें।
किस किसान को हुए लाभ और किसको हुई हानि
इस बिन मौसम की बरसात के कारण अबकी बार किसानों पर इसका प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि कुछ दिनों पहले ही किसानों ने अपनी फसल काट दी थी और अनाज अनाज मंडी तक पहुंचा दिया था। किसानों की कटी फसल की खेती पर इसका अच्छा प्रभाव दिख सकता है जल्द ही उनकी जमीन दोबारा खेती करने के लिए योग्य हो सकती है इसलिए इस बार बरसात का अच्छा सर किसानों पर पड़ा है।
लेकिन अनाज मंडी में रखा हुआ अनाज इस बरसात के कारण प्रभावित हो सकता है इसलिए जिन व्यापारियों ने अनाज की खरीद करी होगी यदि वह वेयरहाउस में अनाज को रखें और या किसी छत के नीचे अनाज को रखें तो इस बरसात से उन्हें भी कोई हानी नहीं होगी । लेकिन अचानक से बरसात आने की वजह से कई अनाज मंडियों में रखा हुआ अनाज बर्बाद होता भी दिखाई दे सकता है। जिस किसान ने अनाज बेक दिया उसके लिए लाभ जिसने खरीद कर खुले में रख दिया उसके लिए हुई हानि ।
अंततः इस बिन मौसम बरसात में हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हमारे आस-पास और हमारे अपनों को सर्दी बुखार जुखाम से बचाया जा सके । क्योंकि कोरोना का पहला लक्षण भी यही होता है । लोग बरसात के कारण हुई सर्दी बुखार को कोरोना भी समझ सकते है और कोरोना को केवल सर्दी जुखाम भी समझ सकते है । इसलिए इस दुविधा में ना पड़े बरसात में ना भीगें और बदलते मौसम का शिकार भी ना हो।
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