इस साल लगता है कि किसानों की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है पहले कोरोनावायरस की वजह से किसानों को अपने गेहूं को अनाज मंडी तक लाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी
जैसे तैसे किसान का अनाज मंडिया तक पहुंचा ही था कि बेमौसम की बरसात ने बरस कर किसानों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है
इस बार किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर हो गया है विगत कुछ दिन पहले ही अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद फरोख्त का मामला शुरू किया गया था ताकि किसानों को एक-एक दाने की कीमत दी जा सके
गुरुवार को हुई अचानक बेमौसम की बरसात से किसानों की सांस अटक कर रहे गई हैं इस समय फरीदाबाद की अनाज मंडीयो में किसानों की मेहनत से उगाया गया अनाज खुले में रखा हुआ है जिसे किसानों ने गेहू की ढेरियों पर तरपाल आदि से ढक करके उसे बारिश से भीगने से बचाने का प्रयास किया पर बारिश का पानी ढेरियों के नीचे जाने से वह भीग गई पर बारिश तब तक किसान की महेनत पर पानी फेर चुकी हैं ऐसे हालात में गेहूं के खराब होने से इंकार नही किया जा सकता
इस बार दोहरी मार झेल रहे किसान को अब यह चिंता सताने लग गई हैं कि इस भीगे हुये अनाज को सरकार द्वारा खरीदा जाएगा या नही ।
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