सरकार की हेर फेर में ढेर होजाएंगे दुकानदार : मैं हूँ फरीदाबाद

नमस्कार! मैं हूँ फरीदाबाद। आज मैं आपको मिथिलेश की कहानी सुनाता हूँ। मिथिलेश बिहार से आया हुआ मजदूर है जो एक बिजली की दुकान पर काम करता है। अपनी बीवी और बेटियों के साथ वो बाईपास रोड पर बनी टूटी हुई झुग्गियों में किराए पर रहता है। इन झुग्गियों में महीने का किराया 1500 रुपए है जो अब मिथिलेश के गले की हड्डी बन चुका है।

जानना चाहते हैं क्यों ? तो इसका जवाब पाने के लिए हमे थोड़ा पीछे जाना होगा। मार्च का समय था जब कोरोना ने भारत की ओर अपने कदम तेज़ी से बढ़ाना शुरू किये। महामारी से बचने के लिए सब अपने अपने घरों मैं कैद हो गए। मिथिलेश ने भी अपनी झुग्गी में सर छुपा लिया।

सरकार की हेर फेर में ढेर होजाएंगे दुकानदार : मैं हूँ फरीदाबादसरकार की हेर फेर में ढेर होजाएंगे दुकानदार : मैं हूँ फरीदाबाद

उसकी बड़ी बेटी निमकी का इस साल दाखिला होना था। जिसके लिए उसने 10 हज़ार रूपये जमा कर के घर पर रखे हुए थे। पर जब लॉकडाउन लगा तो अपने परिवार को पालने के लिए और उस झुग्गी का किराया देने के लिए मिथिलेश ने निमकी की पढ़ाई के लिए बचाये हुए पैसों की आहुति देदी। धीरे धीरे जब जीवन पटरी पर आना शुरू हुआ और लॉकडाउन हटा तब मिथिलेश के जीवन में दुबारा से आशा की एक किरण जगी। उसे लगा की अब जब दुकान खुलेगी तो वो जमकर मेहनत करेगा और बच्चो के भविष्य के लिए पैसे बचा सकेगा।

पर जिस दुकान में वो काम करता है उसके मालिक ने मिथिलेश की तनख्वाह कम करदी है। रुकिए रुकिए दुकान के मालिक को गाली देने से पहले उनकी दलील सुन ली जिए फिर अपने हिसाब से फैसला की जियेगा। दुकानदार का कहना है कि वो खुद परेशान है, पहले महीनो भर के लॉकडाउन ने उनका नुक्सान करवाया।

अब जब सब ठीक हो रहा था उस समय में सरकार के हफ्ते में दो दिन लॉकडाउन वाले फरमान ने महंगाई में आटा गीला कर दिया। दुकान का मालिक खुद कर्ज़े के बोझ तले दब रखा है तो वो कहाँ से मिथिलेश को बेहतर तनख्वाह दे सकता है। न जाने मेरी गलियों में ऐसे कितने मिथिलेश होंगे जो परेशान हैं, उनकी फ़िक्र कौन करेगा?

एक और सवाल है मेरे ज़हन में क्या सही में सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम से कोरोना संक्रमण कम होगा ? अगर ऐसा है तो क्यों कवाई जा रहीं हैं परीक्षाएं उन्हें भी टाल दिया जाना चाहिए। क्या परीक्षा में आये बच्चों की जान का कोई मोल नहीं। सरकार ने बेधड़क होकर नीतियों का गठन किया है पर प्रशासन को ज़रुरत है कि वो बेहतर तरीके और सूज बूझ के साथ जनता के लिए फैसला लिया करें।

Avinash Kumar Singh

Published by
Avinash Kumar Singh

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

1 month ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

1 month ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

1 month ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

1 month ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

1 month ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

2 months ago