फरीदाबाद में लगे स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम पेट्रोल डीज़ल तो बचाएगा ही साथ में पर्यावरण सुधारने में भी अहम कदम उठाएगा। एक सर्वे के अनुसार शहर की सड़कों पर चलने वाले वाहन सलाना 2 करोड़ से अधिक के ईंधन की बचत करेंगे। फरीदाबाद में 40 जगह पर नए ट्रैफिक सिस्टम लग चुके हैं। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दुनिया के बड़े -बड़े देश पेट्रोल-डीजल वाहनों पर बैन की तैयारी कर रहे हैं।
महामारी कोरोना में लगे लॉकडाउन में कम वाहन चले और पर्यावरण एक दम बदल गया। फरीदाबाद में डीज़ल और पेट्रोल बचेगा तो साफ़ हवा भी शहर को मिलेगी।
किसी भी देश या प्रदेश के लोगों को जीने के लिए साफ़ हवा चाहिए। गत महीनों भारत में वायु प्रदूषण असहनीय स्तर पर पहुंच गया था। ज़हरीली हवा को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी गयी थी। निर्माण कार्यों और पूरी ठंड के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। पर वायु प्रदूषण की समस्या सिर्फ़ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है।
कोरोना वायरस से पड़े लॉकडाउन ने सबको बता दिया की प्रकृति को अगर हम संभाल के रखें तो यह हमें बहुत कुछ दे सकती है। भारत के बहुत से शहर वायु प्रदूषण से हांफ रहे हैं। फरीदाबाद के साथ – साथ दिल्ली के पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश के प्रयागराज, कानपुर, आगरा, और लखनऊ भी प्रदूषित शहरों की श्रेणी में आते हैं।
जिले में लगे नए ट्रैफिक सिस्टम से जाम से निजात तो मिलेगा ही साथ में अपराधों पर भी लगाम लगाने की तैयारी है। वायु प्रदूषण एक जटिल और बड़ा मुद्दा है जो सिर्फ़ नागरिकों के स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। इनडोर और आउटडोर दोनों तरह से वायु प्रदूषण भारत में मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। सतत उपायों के साथ, कुछ वर्षों में हवा की गुणवत्ता में बदलाव लाया जा सकता है।