फरीदाबाद की सुंदरता कहीं जाने वाली अरावली में अवैध निर्माण पर अब एनजीटी के कार्यवाही करने के बाद उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है। यहां बने 120 अवैध फॉर्म हाउसों पर एनजीटी ने गाज गिराते हुए लीगल नोटिस जारी किया है।
जिसके जवाब के लिए फॉर हाउसों के मालिकों को जनवरी तक का समय दिया गया है। इसका कारण यह है कि यहां बने सभी फार्महाउस अवैध रूप से बनाए गए हैं। जिसके लिए ना तो इन फॉर्म हाउस के मालिक ने एनजीटी और ना ही वन विभाग की अनुमति ली है।
इसी कड़ी में एनजीटी ने वन विभाग को ऐसे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई कर 31 जनवरी तक स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद से ही वन विभाग और फॉर्म हाउसों के मालिकों में हड़कंप मच गया है।
ऐसे में अरावली में करीब ऐसे 120 से अधिक निर्माण बने हुए हैं जिन्हें तोड़ पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। जिला वन अधिकारी ने इस बाबत जिला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया है। अब जल्द अरावली में 120 अवैध निर्माणों पर तोड़फोड़ की योजना बनाई जाएगी।
इन अवैध निर्माणों के कारण अरावली पहाड़ियों की सुंदरता कहीं गुम होती जा रही है भू माफियाओं द्वारा कब्जा करने के लिए हरे-भरे जंगलों को काट कर अवैध निर्माण किए जा रहे थे। एक बने सांभा उसी के कारण यहां की सुंदरता कहीं नहीं लिप्त होकर रह गई हैं। इसी कड़ी में गुरुग्राम में अरावली के अंदर हुए अवैध निर्माणों पर कार्यवाही शुरू की जा चुकी है।
पिछले दिनों अनंगपुर, बड़खल, मांगर, अनखीर, मेवला महाराजपुर के अंतर्गत आने वाले अरावली पर्वतमाला का सर्वे हुआ था। इसमें करीब 120 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए थे।
इनमें फार्म हाऊस बड़ी संख्या में हैं। इसकी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी गई थी। इसी रिपोर्ट पर एनजीटी ने अब इन सभी निर्माणों को तोड़ने के आदेश दिए हैं। पता लगा है कि अधिकतर निर्माण राजनेताओं के करीबियों के हैं।
राजनीतिक संरक्षण की वजह से ही इन निर्माणों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। करीब सालभर पहले भी नगर निगम ने 140 अवैध निर्माण अरावली में चिन्हित कर लिए थे, लेकिन अभी तक तोड़फोड़ नहीं की जा सकी है। सेव अरावली संस्था कर रही है।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला वन अधिकारी राजकुमार ने बताया कि अरावली को लेकर सेव अरावली की टीम एनजीटी व हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है। कई एफआइआर दर्ज कराई गई हैं और संघर्ष अभी भी जारी है।
सेव अरावली की टीम दिन-रात अरावली संरक्षण को लेकर काम कर रही है। सुप्रीम कोर्ट भी अरावली में अवैध निर्माण को लेकर अवमानना का नोटिस जारी कर चुका है। संस्था के संस्थापक जितेंद्र भडाना के अनुसार यहां आए दिन निर्माण होने की सूचना मिलती रहती है। यह सूचना जिला वन अधिकारी तक पहुंचाई जाती है।
इसके बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं होती। एनजीटी ने अरावली के अंदर अवैध रूप से बने 120 निर्माणों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जल्द यहां तोड़फोड़ की योजना बनाई जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई करेंगे।
जिला उपायुक्त को इस आदेश से अवगत करा दिया गया है। ये निर्माण किसके हैं, इस बारे में कुछ नहीं पता है लेकिन वन क्षेत्र में होने की वजह से इन्हें तोड़ा जरूर जाएगा। अगर एनजीटी की कार्यवाही रंग लाती है तो एक बार फिर अरावली क्षेत्रों में हरियाली को वापस लौटता हुआ देखा जा सकता है।
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