हरियाणा के बिजली वितरण निगमों-उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए निगम पूरी तरह से कृतसंकल्प और प्रतिबद्ध है। इसी के चलते निगम के तकनीकी कर्मचारियों को अंतर्राष्ट्रीय मानक की सुरक्षा किट उपलब्ध करवाई गई है। जिसका परिणाम है कि गत दो वर्षों में बिजली हादसों में भारी कमी आई है।
बिजली निगमों के प्रवक्ता ने बताया कि यूएचबीवीएन के तकनीकी कर्मचारियों को उच्च गुणवत्ता के 9000 दस्ताने, 18450 वोल्टेज सेंसर, 525 सीढियां, 14750 ब्रेकडाउन किट तथा 18450 हैलमेट उपलब्ध कराए हैं। यह उपकरण तकनीकी कर्मचारियों को लाइन पर काम करते वक्त करंट से बचाते हैं। इस किट में वोल्टेज सेंसर वाले हैलमेट भी शामिल हैं जो कि 11 केवी लाइन के करंट को 6 फिट की दूरी से बता देते हैं।
बिजली के पोलों पर चढऩे के लिए तकनीकी कर्मचारियों को फाइबर रेनफोर्सड प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी सीढियां भी उपलब्ध कराई गई हैं, जो तार से सटे होने पर भी टेक्रिकल कर्मचारी को करंंट से बचाती हैं। तकनीकी कर्मचारी को उच्च गुणवत्ता की सेफ्टी बेल्ट भी दी गई है ताकि सुरक्षित तरीके से बिजली के कार्य की मेनटेंस कर सकें।
निगमों के प्रवक्ता ने बताया कि इसी वजह से जिला यमुनानगर में गत 4 माह में एक भी हादसा नहीं हुआ, यूएचबीवीएन की गुहला डिविजन में भी गत एक वर्ष में कोई बिजली दुर्घटना नहीं हुई। यूएचबीवीएन की 39 सब डिवीजन ऐसी हैं जहां पिछले एक वर्ष में एक भी दुर्घटना बिजली लाईन पर नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि बिजली हादसों को पूर्णतय रोकने के लिए हर माह की पहली तारीख को तकनीकी कर्मचारियों को जागरूक किया जाता है। तकनीकी कर्मचारी बिजली दुर्घटनाओं से कैसे बचें, उसके लिए एक बुकलेट भी बनाई गई है। जिसमें बिजली दुर्घटनाओं से बचने संबंधी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। बिजली लाइनों पर कार्य करने के लिए परमिट सिर्फ निगम के एसडीओ ऑपरेशन द्वारा अधिकृत कर्मचारी को ही दिया जाएगा। समझाया जाता है कि सुरक्षित होकर काम कीजिए, अपने परिवार का ख्याल कीजिए।
सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग एसडीओ ऑपरेशन द्वारा अधिकृत कर्मचारियों का नाम उनका रजिस्टर्ड व्हाट्सएप्प मोबाइल नंबर, उनका कार्यक्षेत्र एरिया आफिस आदेश के साथ सभी सब-स्टेशनों में तथा कर्मचारियों को उपलब्ध करवाया जाए। रूटिन के रख-रखाव कार्यों के परमिट लेने के लिए अधिकृत कर्मचारी का सब स्टेशन जाकर परमिट लेना अनिवार्य है। एमरजेंसी के दौरान अधिकृत कर्मचारी द्वारा व्हाट्सएप्प के माध्यम से सब-स्टेशन इंचार्ज को भरे हुए परमिट फार्म की फोटो भेजकर और वह सब-स्टेशन इंचार्ज को फोन भी करेगा। इस बुकलेट में यह भी बताया गया है कि एसडीओ ऑपरेशन ऐसी अवैध इमारतों की पहचान करके सूची तैयार करेगा, जहां अवैध निर्माण के कारण बिजली हादसों का खतरा अधिक है।
यूएचबीवएन एवं डीएचबीवीएन के सीएमडी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। निगमों की तरफ से बिजली दुर्घटनाओं से बचने के लिए किसानों को भी जागरूक करने के लिए एक पुस्तिका तैयार की जा रही है, जो किसानों को जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं सुचारू रूप से बिजली मिले उसके लिए निगम वचनबद्ध है।
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